शराब, नहर और कातिलाना वार, रिश्तों की चौंका देने वाली खौफनाक साजिश, दिल दहलाने वाली हत्या की कहानी, पढ़ें एक क्लिक में
धर्मराज की मौत की जांच शुरू हुई। पुलिस ने हर कड़ी को जोड़ते हुए मोबाइल लोकेशन और सीसीटीवी फुटेज की मदद ली। फुटेज में एक साया था। एक मोटरसाइकिल पर सवार धर्मराज और उसका सगा साडू, सत्यनारायण।
बारां के अंता थाना इलाके में 13 दिसंबर की ठंडी सुबह जैसे ही दाईं मुख्य नहर के पास एक शव मिला, पूरा गांव सन्न रह गया। 40 वर्षीय धर्मराज बैरवा की लाश वहां पड़ी थी। चेहरे पर गहरी चोटें, सिर से बहता खून और चारों ओर फैला सन्नाटा इस बात का गवाह था कि ये कोई आम मौत नहीं थी। पुलिस के लिए ये मामला एक सुलझी हुई किताब की तरह नहीं, बल्कि एक पन्ना दर पन्ना खुलने वाली कहानी थी। लेकिन कहानी के पीछे का सच ऐसा था, जिसने हर किसी की रूह कंपा दी।
शादी के रिश्ते के पीछे छुपा काला राज
धर्मराज की मौत की जांच शुरू हुई। पुलिस ने हर कड़ी को जोड़ते हुए मोबाइल लोकेशन और सीसीटीवी फुटेज की मदद ली। फुटेज में एक साया था। एक मोटरसाइकिल पर सवार धर्मराज और उसका सगा साडू, सत्यनारायण। पुलिस ने जब सत्यनारायण को हिरासत में लिया और उससे सख्ती से पूछताछ की, तो उसकी जुबान से जो सच निकला, वो खून से सना हुआ था।
प्रेम और हत्या का घिनौना गठजोड़
धर्मराज की पत्नी गुड्डी बाई का अपने ही जीजा सत्यनारायण से शादी से पहले से प्रेम प्रसंग चल रहा था। धर्मराज को इस राज की भनक लग चुकी थी। उसने कई बार अपनी पत्नी और जीजा को टोककर इस रिश्ते को खत्म करने के लिए कहा, लेकिन यही टोकना उसे मौत की ओर ले गया।
शराब, नहर और पत्थरों का खेल
साजिश की रात, सत्यनारायण ने अपने 'साडू' धर्मराज को अपने साथ शराब पिलाने के बहाने बुलाया। वो उसे बाइक पर बिठाकर सोरसन रोड के सुनसान इलाके तक ले गया। चारों ओर अंधेरा और नहर की गहरी लहरें इस साजिश के गवाह बनने जा रही थीं। शराब के नशे में धुत्त धर्मराज को सत्यनारायण ने अचानक नहर के किनारे धकेल दिया। लेकिन ये सब उसके लिए काफी नहीं था। वहां पड़े भारी पत्थरों को उठाकर उसने धर्मराज के सिर पर एक के बाद एक चार से पांच वार किए। पत्थरों के प्रहार से धर्मराज का खून बहता गया, और उसकी सांसें हमेशा के लिए थम गईं।
पत्नी ने रची थी मौत की पटकथा
इस पूरी साजिश में गुड्डी बाई, जो धर्मराज की पत्नी थी, मुख्य किरदार थी। उसने सत्यनारायण के साथ मिलकर पति को 'रास्ते से हटाने' का प्लान बनाया। उनके लिए धर्मराज एक रुकावट बन गया था। उसका टोकना, उनका प्रेम प्रसंग सामने आ जाना और घर में बढ़ता झगड़ा। लेकिन उनके इस प्रेम की कीमत एक मासूम जिंदगी ने चुका दी।
36 घंटे में खुली साजिश की परतें
बारां पुलिस ने साइबर टीम और सतर्कता से महज 36 घंटे में इस घिनौनी साजिश का पर्दाफाश कर दिया। दोनों आरोपियों सत्यनारायण और गुड्डी बाई को गिरफ्तार कर लिया गया है। ये कहानी प्यार के अंधेपन और लालच के घिनौने चेहरे को उजागर करती है। एक पत्नी ने अपने पति को प्रेमी के साथ मिलकर मौत के घाट उतार दिया, और एक जीजा ने रिश्तों को तार-तार कर दिया। आज धर्मराज का परिवार सन्न है, गांव के लोग सकते में हैं और ये मामला सबके लिए एक सवाल छोड़ गया है। क्या प्रेम इतना अंधा हो सकता है कि वो इंसानियत को ही मार डाले? सिर्फ 36 घंटे में हुआ खुलासा, लेकिन इस हत्या की गूंज लंबे समय तक कानों में गूंजती रहेगी।