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फौज में जाने का सपना टूटा तो जमाया क्राइम वर्ल्ड में 'सिक्का', गर्लफ्रेंड भी नहीं जान सकी सच, पढ़ें एक क्लिक में

कहा जाता है कि पपला ने अपने खिलाफ गवाह बनने वाले हर शख्स को मौत के घाट उतार दिया. आइए जान लेते हैं आतंक के दूसरे पर्याय कहे जाने वाले पपला उर्फ विक्रम की कहानी. 

फौज में जाने का सपना टूटा तो जमाया क्राइम वर्ल्ड में 'सिक्का', गर्लफ्रेंड भी नहीं जान सकी सच, पढ़ें एक क्लिक में

एक वक्त दहशत का पर्याय माने जाने वाले पपला गुर्जर के बारे में कौन सोच सकता है, कि कभी उसका सपना फौज में जाने का भी था. जिसके पिता ने उसे फौजियों जैसा नाम दिया था. वो गुनाह की दुनिया का दहशतगर्द बन जाएगा. नाम और पहचान बदलने में माहिर विक्रम उर्फ पपला गुर्जर आज अजमेर जेल की सलाखों के पीछे अपने गुनाहों का सजा भुगत रहा होगा. कहा जाता है कि पपला ने अपने खिलाफ गवाह बनने वाले हर शख्स को मौत के घाट उतार दिया. आइए जान लेते हैं आतंक के दूसरे पर्याय कहे जाने वाले पपला उर्फ विक्रम की कहानी. 

फ़ौज में जाने के सपने पर फिरा पानी
हरियाणा के महेंद्रगढ़ के खरौली गांव में पपला गुर्जर अपने परिवार के साथ रहता था. कहा जाता है इस गांव के लड़कों को सेना में जाने का बचपन से ही खुमार चढ़ जाता है. ऐसा ही खुमार पपला के सिर पर भी छाया हुआ था. पपला के पिता ने उसका नाम बड़े ही चाव से विक्रम रखा था. उनकी भी यही ख्वाहिश थी कि उनका बेटा फौज में जाकर अपने गांव और देश का नाम रौशन करे. जिसके गर्व से उनकी छाती फूलकर चौड़ी हो जाए लेकिन होनी को कौन टाल सकता है. 

ज़ब पहलवानी का चढ़ा सिर पर भूत
कहते हैं ना कि वक्त से पहले और किस्मत से ज्यादा किसी को कुछ नहीं मिलता. ऐसा ही पपला उर्फ विक्रम के साथ भी हुआ. पपला की जिंदगी उस वक्त बदल गई जब स्कूल की पढ़ाई खत्म करने के बाद फौज की तैयारी के दौरान पपला के सिर पर पहलवानी करने का भूत सवार हो गया. इतना ही नहीं पपला गांव में पहलवानी सिखाने वाले शक्ति सिंह से पहलवानी सीखने भी लगा. इसी दौरान विक्रम गुर्जर ने एक प्रेम-प्रसंग के मामले को लेकर संदीप फ़ौजी नाम के शख्स की धुनाई कर दी. जिसका कारण ये था कि शादीशुदा संदीप का उसके गांव की ही एक लड़की से अफेयर चल रहा था. जब ये बात गांव वालों को पता चली तो पंचायत बैठाई गई. पंचायत द्वारा संदीप पर लड़की से मिलने पर रोक लगा दी गई. मगर संदीप फौजी ने पंचायत का फैसला नहीं माना. जिस पर पपला ने गुरू शक्ति सिंह और साथियों के साथ मिलकर संदीप की खूब पिटाई कर दी. मगर इस मारपीट के कुछ दिन बाद ही उसके गुरु शक्ति सिंह की हत्या कर दी गई. 

गुरू की मौत के बाद लगा पपला को सदमा
शक्ति सिंह को अपना गुरू मानने वाले विक्रम उर्फ पपला को उनकी मौत का गहरा सदमा लगा. गुरू की मौत के बाद से ही पपला बदला की आग में जलने लगा. इसके कुछ वक्त बाद ही साल 2014 में संदीप फ़ौजी, उसकी मां बिमला, मामा महेश और नाना श्रीराम को मौत के घाट उतार दिया गया. जिसका आरोप विक्रम उर्फ पपला और उसके साथियों पर लगा. पपला को साल 2016 में अवैध हथियारों के साथ गिरफ्तार किया गया और हत्याकांड के चलते भी जेल में बंद कर दिया गया, लेकिन सितंबर 2017 में पेशी पर ले जाने के दौरान पपला पुलिस कस्टडी से फरार हो गया. इसके बाद पपला पांच लाख का इनामी और मोस्ट वांटेड क्रिमिनल बन गया. 

पुलिस पर किया पपला गैंग ने AK-47 से हमला
साल 2019 में फरार पपला बसपा नेता जयराम गुर्जर की हत्या का बदला लेने की फिराक में राजस्थान के अलवर के बहरोड़ पहुंचा. जिसकी भनक पुलिस को लग गई पुलिस ने पपला को धर दबोचा. मगर पपला की गिरफ्तारी के चंद घंटो बाद ही पपला की गैंग ने एके-47 जैसे हथियारों से लैस होकर बहरोड़ थाने पर हमला कर दिया. इस हमले के बीच पपला की गैंग अपने मुखिया को जेल से बाहर निकालने में कामयाब हो गई. वहीं बहरोड थाने में उत्पात मचाने के बाद करीब दो सालों तक पपला गायब होकर रहने लगा. 

जब गर्लफ्रेंड को पता लगा पपला का असली सच
13 दिसंबर 2020 को कोल्हापुर की मार्शल आर्ट जिम में एक्सरसाइज के दौरान पपला गुर्जर की मुलाकात जिम ट्रेनर जिया से हो गई. इस दौरान पपला गुर्जर ने जिया को उसने अपना असली नाम बताने की जगह नकली नाम मानसिंह उर्फ उदय बताया. जिया पपला की जिम ट्रेनर थी जिस वजह से दोनों के बीच धीरे-धीरे नजदीकियां बढ़ गईं. जिम में एक्सरसाइज करने के साथ ही साथ दोनों हमेशा के लिए एक दूजे को अपना बनाने की योजना भी बना चुके थे. जिया ने मानसिंह उर्फ पपला को अपने जीवन का हर सत्य बता दिया. जब सब कुछ ठीक -ठाक चल रहा था तभी जिया की जिंदगी में एक तूफान आया जिसने सब तहस-नहस कर दिया. 28 जनवरी 2021 की वो काली रात जब पुलिस को इनपुट मिला कि पपला महाराष्ट्र के कोल्हापुर में अपनी गर्लफ्रेंड के साथ रह रहा है. पुलिस ने बिना देर किए रात में ही छापा मारकर पपला के साथ जिया को गिरफ्तार कर लिया. इस दौरान पुलिस ने उनके घर का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया था जिससे पपला भाग ना सके. उस समय जिया को पहली बार पता चला कि जिसे वह मान कहकर अबतक मान देती रही वो असल में बेइमान निकला. उसकी असली पहचान एक फरार फरार ईनामी मुजरिम की है. चार फरवरी को कोर्ट ने जिया को जेल भेज दिया. जिया दो माह 4 दिन जेल में रही और इसके बाद उसे निर्दोष मानकर रिहा कर दिया गया.

पपला को मिली कोर्ट से मिली राहत
हरियाणा-राजस्थान के नामी गैंगस्टर विक्रम उर्फ पपला गुर्जर को संदीप उर्फ फौजी की हत्या के केस में बड़ी राहत मिल गई. नारनौल की एडीजे कोर्ट ने संदीप उर्फ फौजी मर्डर केस में पपला गुर्जर को पुख्ता सबूत ना होने की वजह से बरी कर दिया. बहरहाल अभी भोंड़सी जेल में बंद पपला के खिलाफ अन्य भी कई मामले चल रहे है.