बंदूक को अपनी 'महबूबा' समझने वाला ऐसा गैंगस्टर, जिसने 'गुरू' की हत्या के चलते अपनाया जुर्म का रास्ता !
जो बंदूक को अपनी महबूबा और कारतूस को अपना दिल मानता था. जिसके एक इशारे में लोगों का मर्डर हो जाता है, आज बात उसी दुर्दांत अपराधी अजय गुर्जर की. जो जन्मा तो हरियाणा में लेकिन राजस्थान तक ऐसा नेटवर्क फैलाया की सरकारी अधिकारी भी दिन-रात परेशान रहते थे.
अजय गुर्जर जुर्म की दुनिया का एक ऐसा नाम था जिसके सामने बड़े-बड़े तुर्रम खां भी पानी मांग लेते थे. हरियाणा और रेवाड़ी रेज के कई जिलों में अजय का आतंक था. राजस्थान तक में अच्छी पकड़ बना रखी थी. कहा जाता है कि अजय गुर्जर अपने गुरु शक्ति गुर्जर की वजह से जुर्म की दुनिया में पहुंचा था. अजय गुर्जर का जन्म हरियाणा के महेंद्रगढ़ में हुआ था. साल 1994 में महेंद्रगढ़ की सीमा राजस्थान से लगती है और इसके आस-पास गांव है. जिसे खरौली के नाम से जाना जाता है.
जब दोस्तों के चक्कर में काटी अजमेर जेल में रातें
खरौली गांव के ज्यादातर युवा ये सपना देखते हैं कि वो बड़े होकर फौज में भर्ती हो जाए. ठीक इसी तरह का एक सपना था अजय गुर्जर का भी. वो भी बड़ा होकर फौज में दाखिल होना चाहता था. महेंद्रगढ़ के करौली गांव का एक लड़का आर्मी में जाने के सपने देखा करता था 12वीं पास करते हैं. उसकी जिंदगी ने ऐसा मोड ले लिया. जिससे उसका संभालना आसान नहीं था. विक्रम गुर्जर और अजय गुर्जर अपने दोस्तों के साथ जोरों-शोरों से सेना में जाने की तैयारी में जुटा था लेकिन एक मॉडल ने उसकी जिंदगी बदल दी. उसके बाद अजय कई दिनों तक अजमेर की जेल में बंद रहा था. जहां उसे नींद नहीं आती थी और वो रातभर जागकर तैयारी करता था. तैयारी के दौरान ही अजय गुर्जर को पहलवानी का शौक लग गया था. वो गांव करौली के ही शक्ति सिंह के पास रहकर पहलवानी सीखा करता था. शक्ति सिंह को अजय गुर्जर अपना गुरु भी मानता था.
गुरू की हत्या के बाद अपनाया जुर्म का रास्ता
साल 2013-14 के आसपास की घटना है. करौली गांव में एक फौजी हुआ करता था जिसका नाम था संदीप. संदीप की दो बेटियां थीं. वो शादी-शुदा था. संदीप ने पड़ोस के गांव की एक लड़की से दिल लगा लिया. दोनों गुपचुप तरीके से मिलते थे. ये बात पूरे पंचायत में फैल गई. पंचायत बुलाई गई. पंचायत ने फैसला सुनाया कि संदीप आज के बाद उस लड़की से नहीं मिलेगा लेकिन संदीप ने मुलाकातों का सिलसिला थमा नहीं. इसी बात से गुस्साए पतला और शक्ति गुर्जर ने एक दिन संदीप को बुरी तरह पीट डाला. संदीप बदला लेने की आग में जलने लगा. एक दिन ऐसा हुआ कि संदीप ने चीकू नाम के बदमाश से हाथ मिला लिया और चीकू ने फिर अजय गुर्जर के गुरु शक्ति गुर्जर की हत्या कर दी. बस यही वो मोड़ था जिसने अजय गुर्जर को जुर्म की दुनिया में धकेल दिया.
जब कोर्ट से बदमाशों ने अजय गुर्जर को छुड़वाया
ऐसा कहा जाता है कि गुरू की हत्या के बाद अजय गुर्जर बदला लेने की आग में जलने लगा. एक दिन वो दिन भी आ गया. साल 2014 का दिन था जब उसने संदीप उसके मामा और उसकी मां तीनों की हत्या कर दी और फरार हो गया. जिसके बाद पुलिस ने अजय को 1 फरवरी 2016 को गांव के पास से अवैध हथियारों के साथ गिरफ्तार कर लिया. अजय चार हत्याओं के आरोप में नसीबपुर जेल में बंद रहा. जब उसे जेल से कोर्ट ले जाया जाता था तो कहा जाता है कि भारी पुलिस सुरक्षा व्यवस्था होती थी. इतनी कि कोई भी परिंदा पर नहीं मार सकता था. संदीप उसकी मां और मामा की हत्या के बाद अजय गुर्जर को पुलिस ने पकड़ लिया. आठ सितंबर 2017 को पुलिस उसे पेशी पर लेकर जा रही थी. तभी बदमाशों ने फायरिंग कर दी और उसे फरार कराके ले गए. इसके बाद हरियाणा पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मोस्ट वांटेड अपराधी घोषित कर दिया और उसे जिंदा या मुर्दा पकड़े जाने पर 1 लाख रुपए का इनाम भी घोषित कर दिया. पुलिस कर्मियों पर फायरिंग करके अजय गुर्जर राजस्थान की तरफ भाग गया. इसके बाद करीब 17 महीने बाद वो महाराष्ट्र से पकड़ा गया था. तब से वो जेल में बंद है. कहा जाता है गैंगस्टर अजय गुर्जर इंटरनेशनल लेवर का ताइक्वांडो ब्लैक बेल्ट का खिलाड़ी रह चुका है, यही नहीं, वो नेशनल लेवल पर 8 गोल्ड मेडल जीत चुका है.