गुनाह से गेरुए वस्त्र तक का सफर, जादू टोने की आड़ में अपराध का मास्टरमाइंड, मासूम चेहरा और खौफनाक सच, पढ़ें एक क्लिक में
पिता की हत्या का बदला लेने निकले भीमदान ने हथियार तस्करी में कदम रखा। पुलिस से बचने के लिए साधु बना, जादू टोना सीखा, लेकिन आखिरकार कानून ने उसे धरदबोचा।
ये कहानी है एक ऐसे अपराधी की, जिसने कानून की पकड़ से बचने के लिए साधु का वेश धारण कर लिया। ये कहानी शुरू होती है बीकानेर जिले के देशनोक के रहने वाले भीमदान उर्फ भीमगिरी से, जो कभी अपराध की दुनिया का बड़ा नाम था। पर जब जिंदगी ने उसे एक अंधेरी गली में धकेला, तो उसने अपने अपराध छिपाने के लिए साधु बनकर जादू टोने का सहारा लिया।
पिता की हत्या का बदला और अपराध की दुनिया में कदम
भीमदान का अपराधी बनने का सफर बेहद भावनात्मक और खतरनाक है। अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए वो मध्य प्रदेश गया। वहां उसने न केवल हथियार चलाने बल्कि देसी हथियार बनाने की भी ट्रेनिंग ली। बदला लेने की आग में झुलस रहे भीमदान ने अपने गुनाहों की शुरुआत हथियार तस्करी से की। जल्द ही वो बीकानेर, चूरू, और नागौर जैसे क्षेत्रों में अवैध हथियार सप्लाई का मास्टरमाइंड बन गया।
अपराध का जाल और पुलिस का खतरा
भीमदान के खिलाफ एक दर्जन से ज्यादा गंभीर अपराध दर्ज हो चुके थे। उसकी करतूतें जैसलमेर के रामदेवरा में लूटपाट जैसी घटनाओं तक जा पहुंचीं। लेकिन जैसे-जैसे पुलिस का शिकंजा कसने लगा, भीमदान को अपने अंत का डर सताने लगा। उसे ये अहसास हुआ कि अगर वो पकड़ा गया, तो उसका जीवन जेल की सलाखों के पीछे सड़ जाएगा।
साधु बनने का प्लान और जादू टोने की ट्रेनिंग
अपनी पहचान छिपाने के लिए उसने साधु बनने की ठानी। महाराष्ट्र के नासिक जाकर उसने करीब ढाई साल तक जादू टोने की ट्रेनिंग ली। इस दौरान उसने अपनी पहचान पूरी तरह से बदल ली और भीमदान से भैरव गिरी बाबा बन गया। वापस आकर उसने पाखंड और जादू टोने का ऐसा जाल बुना कि लोग उसे एक सिद्ध साधु मानने लगे।
आखिरकार कानून के शिकंजे में फंसा
बाड़मेर पुलिस की साइक्लोन टीम ने मुखबिर की सूचना पर ऑपरेशन ‘गायवेदी’ के तहत भैरव गिरी बाबा को गिरफ्तार कर लिया। जब उसकी सच्चाई सामने आई, तो लोग स्तब्ध रह गए। पुलिस ने न केवल उसे गिरफ्तार किया, बल्कि उसके पास से जादू टोने की सामग्री भी बरामद की।
जिंदगी के दो पहलू: अपराध और पाखंड
भैरव गिरी बाबा की कहानी अपराध और पाखंड के उन दो पहलुओं को उजागर करती है, जहां इंसान अपनी पहचान और अतीत से बचने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। ये कहानी इस बात का सबूत है कि चाहे जितना भी चालाक अपराधी हो, कानून की नजरों से बचना नामुमकिन है।
भीमदान के भैरव गिरी बाबा बनने तक का ये सफर न केवल रोंगटे खड़े करता है, बल्कि सोचने पर मजबूर करता है कि बदले की आग इंसान को कहां से कहां पहुंचा सकती है।