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नागौर की घटना ने खोला दर्दनाक सच, सात साल की मासूम की चीखों की गूंज से थर्राया शहर, जिम्मेदार कौन ?

अज्ञात शख्स ने उसे उठाकर ले गया और सुनसान जगह पर ले जाकर उसके साथ वो किया जो किसी इंसान के लिए सोचना भी मुश्किल है।

नागौर की घटना ने खोला दर्दनाक सच, सात साल की मासूम की चीखों की गूंज से थर्राया शहर, जिम्मेदार कौन ?

नागौर में एक बार फिर मानवता शर्मसार हुई है। एक सात साल की मासूम बच्ची के साथ हुई हैवानियत ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया है। परीक्षा देकर घर लौट रही ये मासूम जब बस से उतरी, उसे नहीं पता था कि उसकी जिंदगी बदलने जा रही है। एक अज्ञात शख्स ने उसे उठाकर ले गया और सुनसान जगह पर ले जाकर उसके साथ वो किया जो किसी इंसान के लिए सोचना भी मुश्किल है।

एक मासूम का टूटा सपना

ये घटना नागौर जिले के थांवला थाना क्षेत्र की है। सात साल की ये बच्ची दूसरी कक्षा में पढ़ती थी। वो शनिवार को अपनी अर्धवार्षिक परीक्षा देकर घर लौट रही थी। बस से उतरकर वो जब अपने घर की ओर बढ़ रही थी, तभी आरोपी ने उसे निशाना बनाया। वो बच्ची को जबरदस्ती उठाकर सुनसान जगह पर ले गया और उसके साथ हैवानियत की। बच्ची की चीखें फटीं, लेकिन वहां कोई ऐसा नहीं था जो उसकी मदद कर पाता।

लहूलुहान हालत में घर पहुंची बच्ची

आरोपी ने बच्ची को बुरी तरह से जख्मी कर दिया। लहूलुहान हालत में बच्ची किसी तरह से अपने घर पहुंची। उसकी हालत देखकर उसके परिवार वाले दहशत में आ गए। उन्होंने तुरंत बच्ची को अस्पताल पहुंचाया और पुलिस को सूचना दी। बच्ची को अजमेर के जेएलएन अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है।

पुलिस ने शुरू की आरोपी की तलाश

घटना की सूचना मिलते ही नागौर एसपी और डेगाना सर्किल के पुलिस उपाधीक्षक मौके पर पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और बच्ची से पूछताछ की। पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी हुई है, लेकिन अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है।

सवालों के घेरे में समाज

ये घटना एक बार फिर हमारे समाज के सामने कई सवाल खड़े करती है। आखिर क्यों एक मासूम बच्ची को इस तरह की यातना दी गई? क्या हमारे समाज में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए कोई व्यवस्था नहीं है? क्या हमारी पुलिस इतनी कमजोर है कि एक आरोपी को पकड़ नहीं पा रही है?

हम सभी की जिम्मेदारी

ये घटना हमें ये बताती है कि हमें अपनी बेटियों को सुरक्षित रखने के लिए और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। हमें बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए जागरूकता फैलानी होगी। हमें पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाना होगा ताकि वे अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ सकें।

आशा की किरण

ये घटना बेहद दुखद है, लेकिन हमें उम्मीद है कि पुलिस जल्द ही आरोपी को पकड़ लेगी और उसे सजा मिलेगी। हमें ये भी उम्मीद है कि इस घटना के बाद समाज में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।