गहलोत ने PKC-ERCP पर उठाए तीखे सवाल, किसानों के लिए कोई प्रावधान नहीं! घोषणाएं होती हैं बड़ी-बड़ी, जमीन पर काम नहीं
गहलोत ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा, ‘लाखों किसानों के लिए जीवन रक्षक साबित हो सकने वाली पीकेसी-ईआरसीपी योजना का पूरा सच जनता से क्यों छुपाया जा रहा है? क्या राजस्थान के लोग ये जानने के हकदार नहीं हैं कि इस परियोजना से उन्हें क्या लाभ मिलेगा?"
पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने एक बार फिर भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। गहलोत ने संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (पीकेसी-ईआरसीपी) को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच हुए इस समझौते को जनता से छिपाया जा रहा है।
"जनता का हक है सच जानना"
गहलोत ने कहा, ‘‘लाखों किसानों के लिए जीवन रक्षक साबित हो सकने वाली पीकेसी-ईआरसीपी योजना का पूरा सच जनता से क्यों छुपाया जा रहा है? क्या राजस्थान के लोग ये जानने के हकदार नहीं हैं कि इस परियोजना से उन्हें क्या लाभ मिलेगा?"
किसानों के लिए प्रावधान न होने पर नाराजगी
गहलोत ने ये भी आरोप लगाया कि इस परियोजना में किसानों के रहने और पुनर्वास के लिए कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा, "किसानों के हितों को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है। ये पहली बार हो रहा है कि सरकारें समझौते को गुप्त रख रही हैं।"
रिफाइनरी प्रोजेक्ट का जिक्र, भाजपा पर निशाना
गहलोत ने 2013 के रिफाइनरी प्रोजेक्ट का जिक्र करते हुए भाजपा पर जनहित के मुद्दों को राजनीति के हवाले करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "हमने जब यूपीए सरकार के दौरान राजस्थान में रिफाइनरी प्रोजेक्ट लाया, तो उसका उद्घाटन हुआ। लेकिन नई सरकार ने उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया।"
"जनहित में राजनीति न हो"
गहलोत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जनहित के मुद्दों पर राजनीति करना बंद होना चाहिए। उन्होंने ये भी जोड़ा कि भाजपा सरकार सिर्फ घोषणाएं करती है, लेकिन जमीन पर काम नहीं करती।
"पारदर्शिता होनी चाहिए"
गहलोत का संदेश साफ है: जनता को हर उस समझौते की जानकारी होनी चाहिए, जो उनके अधिकारों और हितों से जुड़ा है। उन्होंने इस मामले में पारदर्शिता की मांग की और राजस्थान के किसानों और आम जनता के हितों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया।