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राजस्थान में गरमाई राजनीति, वादे बनाम हकीकत की जंग, डोटासरा का बीजेपी पर तीखा हमला, जनता के बीच कांग्रेस का पैगाम

भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही कई बड़े कदम उठाने का दावा किया था। मुख्यमंत्री का चयन भी चौंकाने वाला रहा, पर्ची से चुने गए मुख्यमंत्री। लेकिन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के अनुसार, सरकार अनुभवहीनता का शिकार है।

राजस्थान में गरमाई राजनीति, वादे बनाम हकीकत की जंग, डोटासरा का बीजेपी पर तीखा हमला, जनता के बीच कांग्रेस का पैगाम

एक साल पहले, राजस्थान की राजनीति में बदलाव की बयार चली थी। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 'नहीं सहेगा राजस्थान' जैसे नारे और बड़े वादों के साथ सत्ता हासिल की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नेताओं ने प्रदेश की जनता को सपनों का झूला दिखाया। लेकिन अब, 12 महीने बाद, जनता के सामने सरकार का रिपोर्ट कार्ड है, और विपक्ष इसे अपने तरीके से परख रहा है। वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा सरकार पर वादाखिलाफी, प्रशासनिक विफलताओं, विकास कार्यों को रोकने और कानून-व्यवस्था की गिरती स्थिति का आरोप लगाते हुए कांग्रेस की उपलब्धियों को उजागर किया।

वादों का मकड़जाल
भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही कई बड़े कदम उठाने का दावा किया था। मुख्यमंत्री का चयन भी चौंकाने वाला रहा, पर्ची से चुने गए मुख्यमंत्री। लेकिन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के अनुसार, सरकार अनुभवहीनता का शिकार है। "जनकल्याणकारी निर्णयों की समीक्षा के नाम पर काम ठप हो गए। विकास कार्यों को रोककर भाजपा ने जनता के साथ धोखा किया है।"

रिश्तों का खेल और विकास पर ब्रेक
सरकार ने विकास कार्यों को होल्ड पर रखा, और डोटासरा का आरोप है कि भाजपा विधायकों ने अवैध बजरी खनन को बढ़ावा दिया। "सड़कों के निर्माण के लिए बजरी माफिया को प्रश्रय दिया जा रहा है।" दूसरी ओर, रोजगार के मोर्चे पर सरकार की आलोचना करते हुए डोटासरा ने कहा, "एक लाख नौकरियों का वादा किया था। लेकिन सच्चाई ये है कि भाजपा ने एक भी पेपर आयोजित नहीं करवाया।"

भ्रष्टाचार और अपराध के बढ़ते आंकड़े
राजस्थान की कानून-व्यवस्था भी विपक्ष के निशाने पर है। अपराध दर बढ़ने और अनुसंधान की दर घटने के आरोप सरकार पर लगाए गए। "मुख्यमंत्री का गृह जिला भरतपुर अपराध दर में अव्वल है। यहां तक कि महिला सुरक्षा के मोर्चे पर भी हालात बदतर हैं," नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा।

राईजिंग राजस्थान या गिरता भरोसा?
भाजपा ने 'राईजिंग राजस्थान' के जरिए विकास का बड़ा सपना दिखाया। लेकिन कांग्रेस विधायक रोहित बोहरा के अनुसार, "ये आयोजन प्रदेश के संसाधनों की लूट है। यूएई के सोवरेन फंड का पैसा तो आएगा, लेकिन प्रदेश को कुछ नहीं मिलेगा।"

अधूरी योजनाएं और अपमान का आक्रोश
डोटासरा ने कहा कि भाजपा ने किसानों, छात्रों, बुजुर्गों और महिलाओं के साथ विश्वासघात किया। ईआरसीपी परियोजना को राष्ट्रीय दर्जा देने का वादा भी अब तक अधूरा है। "प्रधानमंत्री मोदी ने नर्मदा का पानी चूरू और हनुमानगढ़ लाने की बात कही। क्या ये संभव है?" उन्होंने सवाल उठाया।

चुनौती का ऐलान
डोटासरा ने मुख्यमंत्री को खुली बहस की चुनौती दी। "जनता के सामने अपने कार्यकाल का हिसाब दें। दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।"

भविष्य की लड़ाई
राजस्थान में आगामी वर्ष नई चुनौतियां लेकर आएगा। जहां भाजपा सरकार अपनी छवि सुधारने की कोशिश करेगी, वहीं कांग्रेस विपक्ष में रहते हुए जनता के मुद्दों को भुनाने की रणनीति पर काम करेगी। क्या जनता इन सवालों का जवाब भाजपा से मांगेगी? या एक और वादों का दौर चलेगा?