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2.5 करोड़ का बिल, 5 लाख की मांग, 3 साल से अटका बिल और घूसखोरी का खेल, ACB ने रंगे हाथ पकड़ा घूसखोर इंजीनियर

PHED विभाग के सीनियर इंजीनियर अनिल कच्छवा ने 2.5 करोड़ रुपये के पेंडिंग बिल को पास करने के बदले ठेकेदार से पांच लाख की रिश्वत की मांग की थी। ठेकेदार की शिकायत पर एसीबी ने जब जाल बिछाया, तो सौदा तीन लाख में तय हुआ।

2.5 करोड़ का बिल, 5 लाख की मांग, 3 साल से अटका बिल और घूसखोरी का खेल, ACB ने रंगे हाथ पकड़ा घूसखोर इंजीनियर

राजस्थान में भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी सख्त कार्रवाई के बीच डूंगरपुर से एक ऐसी कहानी सामने आई है, जिसने सरकारी विभागों में व्याप्त घूसखोरी की पोल खोल दी। जल जीवन मिशन के अधूरे बिलों को पास करवाने के नाम पर रिश्वत की मांग और एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) का ऑपरेशन किसी फिल्मी सस्पेंस की तरह अंजाम तक पहुंचा।

घूसखोर इंजीनियर का भंडाफोड़

PHED विभाग के सीनियर इंजीनियर अनिल कच्छवा ने 2.5 करोड़ रुपये के पेंडिंग बिल को पास करने के बदले ठेकेदार से पांच लाख की रिश्वत की मांग की थी। ठेकेदार की शिकायत पर एसीबी ने जब जाल बिछाया, तो सौदा तीन लाख में तय हुआ। 13 दिसंबर को रिश्वत की पहली किश्त के तौर पर एक लाख रुपये की डिलीवरी हो चुकी थी। आज की तारीख तय थी, बचे हुए 2 लाख रुपये देने का समय और भ्रष्टाचार की कहानी खत्म करने का दिन!

रिश्वत का पैसा और ACB की मास्टर स्ट्रोक

साजिश के तहत इंजीनियर अनिल कच्छवा ने रिश्वत के पैसे लेने के बाद उन्हें अपने किराए के मकान में आलमारी में छुपा दिया। वो जयपुर में होने वाली जल जीवन मिशन की बैठक के लिए रवाना होने की तैयारी में था। लेकिन ACB टीम पहले ही मौके पर पहुंच चुकी थी। आलमारी से रिश्वत की गड्डियां बरामद होते ही भ्रष्टाचार का काला चेहरा सबके सामने आ गया।

3 साल तक अटका रहा 2.5 करोड़ का बिल

साबला ब्लॉक में जल जीवन मिशन के तहत पेयजल टंकी और पाइपलाइन बिछाने का काम 2021-22 में पूरा हुआ था। लेकिन 2.5 करोड़ के भुगतान पर सीनियर इंजीनियर ने अड़ंगा लगा दिया। ठेकेदार बार-बार कार्यालय के चक्कर काटता रहा, लेकिन बिल पास करने की एवज में रिश्वत की डिमांड जारी रही।

रिश्वतखोरी की जड़े: मीटिंग की आड़ में साजिश

इंजीनियर अनिल कच्छवा को जयपुर में जल जीवन मिशन की बैठक में शामिल होना था। पूरी योजना बनाकर उसने अपने स्टॉफ को पहले ही रवाना कर दिया था। खुद रेलवे स्टेशन पहुंचने से पहले रिश्वत के पैसे लेने का इंतजार कर रहा था। लेकिन ACB की मुस्तैदी ने उसकी पूरी योजना पर पानी फेर दिया।

ACB का ऑपरेशन: 36 घंटे में भ्रष्टाचार का पर्दाफाश

राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही ACB ने महज 36 घंटे में इस घूसखोरी के खेल का पर्दाफाश कर दिया। ठेकेदार की शिकायत पर DIG राजेंद्र गोयल के निर्देशन में कार्रवाई हुई और रिश्वत लेते इंजीनियर को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। बिल पास करवाने का खेल रिश्वतखोरी की काली सच्चाई, लेकिन ACB का ये ऑपरेशन ईमानदारी की जीत की कहानी बन गया।