Trendingट्रेंडिंग
वेब स्टोरी

और देखें
वेब स्टोरी

Rajasthan By-Election: झुंझुनूं में 'बदलाव की हवा', 'तीसरा मोर्चा' मजबूत, इन समीकरणों ने बढ़ाई कांग्रेस-बीजेपी की टेंशन

राजस्थान के झुंझुनूं में उपचुनाव के रंग में सियासी दल रंगे नजर आ रहे हैं। कांग्रेस का अभेद किला माने जाने वाले झुंझुनू में इस बार राजेंद्र गुढ़ा की एंट्री से समीकरण बदल गए हैं। जानिए इस बार जनता किसके पक्ष में है और क्या गुढ़ा कांग्रेस के अभेद किले में सेंध लगा पाएंगे

Rajasthan By-Election: झुंझुनूं में 'बदलाव की हवा', 'तीसरा मोर्चा' मजबूत, इन समीकरणों ने बढ़ाई कांग्रेस-बीजेपी की टेंशन

राजस्थान में उपचुनाव के रंग में सियासी दल रंगे नजर आ रहे हैं। एक तरफ खींवसर में बेनीवाल की प्रतिष्ठा दांव पर है। जो झुंझनू विधानसभा सीट हॉट सीट बनी हुई है। यहां पर मुकाबला रोचक है। कई राजनीतिक पंडित मानते हैं, इस सीट पर किसी भी दल का जीतना आसान नहीं होगा। झुंझनू की बात करें तो यहां मुकाबला पहले बीजेपी-कांग्रेस के बीच था लेकिन अशोक गहलोत की सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र गुढ़ा ने निर्दलीय मैदान में उतकर कांग्रेस को नई टेंशन दे दी है। ये बीजेपी के गले की भी फांस बन चुकी है। ऐसे में एक्सपर्ट्स चाहें कुछ भी कहे लेकिन जनता क्या कहती है जानना जरूरी है। दरअसल, भारत रफ्तार ने झुंझुनूं सीट के युवाओं से लेकर बुजर्गों से बात कर यहां का हाल जाना तो चलिए जानते हैं इस बार लोगों ने क्या कुछ कहा हमारी Exclusive Report में- 

ये भी पढ़ें-

'झुंझुनूं में चाहतें हैं बदलाव'

झुंझुनूं सीट पर कांग्रेस से ओला परिवार का वर्चस्व रहा है। इस बार भी पार्टी ने अमित ओला को मैदान में उतारा है,जब ओला परिवार को जीताने के लिए बुजुर्ग युवाओं से पूछा गया तो ज्यादातर लोगों ने कांग्रेस के जगह नये चेहरे को मौका देने की बात कही। स्थानीय लोग बीजेपी प्रत्याशी राजेंद्र भांपू का समर्थन करते नजर आये। जबकि निर्दलीय प्रत्याशी राजेंद्र गुढ़ा पर सवाल किया गया तो कई लोग उनके समर्थन में दिखाई दिये हालांकि ओला परिवार के प्रति लोगो की नाराजगी साफ नजर आई। 

'राजेंद्र गुढ़ा देंगे टक्कर'

इससे इतर खास बात ये रही जब स्थानीयों से तीसरे मोर्चे पर लड़ाई लड़ रहे राजेंद्र गुढ़ा के बारे में बात की गई हैं तो उन्होंने कहा भले वह चुनाव न जीत पाये लेकिन कड़ी टक्कर देने में जरूर कामयाब होंगे। युवाओं में उनके प्रति दीवानगी दिखाई दी, जबकि बीजेपी प्रत्याशी राजेंद्र भांपू के पक्ष में बयारबह रही है। लोग ये कहकर कांग्रेस से कन्नी काट रहे हैं कई सालों ओल परिवार को उन्होंने अपना नेता लेकिन जनता के लिए उस स्तर से काम नहीं किये। जिसके चलते जनता अपना नेता बदलने के मूड में है। इस बार हवा कांग्रेस के पक्ष में नही है। फल बेचने वाले एक शख्स ने कहा इस बार यहां टक्कर मजे की है। राजेंद्र गुढ़ा के मैदान में उतरने से सियासी समीकरण बदल गए हैं। 

कांग्रेस का अभेद किला झुंझुनूंं

कई सालों से झुंझुनूं कांग्रेस का अभेद किला है। यहां पर मुस्लिम और दलिट वोट बैंक के कारण ओला परिवार जीतता आ रहा है। हालांकि बीते कुछ समय में अल्पसंख्यक कांग्रेस से छिटका जरूर है। जबकि मुस्लिम वोटर्स भी कांग्रेस से नाराज नजर आ रहे हैं। जिसका सीधा फायदा निर्दलीय प्रत्याशी राजेंद्र गुढ़ा को मिलता दिखाई दे रहा है। गुढ़ा कई बार ओला परिवार पर मुस्लिम वोटर्स की उपेक्षा का आरोप लगा चुके हैं। ऐसे में ये उपचुनाव कांग्रेस के लिए परंपरागत वोट बचाने की चुनौती बन गया है। ऐसे में देखना रोचक होगा क्या राजेंद्र भांपू और गुढ़ा इन वोट बैंक मे सेंध लगा पाते हैं या नहीं। करीब एक दशक से इस सीट पर बीजेपी जीत के सपने देख रही है लेकिन हर बार ये धराशाई हो जाते हैं। पार्टी को उसकी अंदरूनी लड़ाई और बगावत भारी पड़ती है लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। पर गुढ़ा के चुनावी मैदान में उतरने से बीजेपी के राजपूत खिसकने के खतरा मंडरा रहा है। बहरहाल, चाहे ओला परिवार हो या फिर रांजेंद्र भापू। दोनों को इस बार निर्दलीय प्रत्याशी गुढ़ा कड़ी टक्कर दे रहे हैं। ऐसे में इस सीट का चुनावी नतीजा देखना दिलचस्प होगा।