Trendingट्रेंडिंग
वेब स्टोरी

और देखें
वेब स्टोरी

JJM Scam : जल जीवन मिशन या 'घोटाले का मिशन’, घोटाले की 'डोर' और सियासत के 'शतरंज' का बड़ा मोड़, सुप्रीम कोर्ट से राहत

ईडी की जांच में ये साफ हुआ था कि संजय बड़ाया न केवल पीएचईडी विभाग के अधिकारियों से जुड़ा था, बल्कि वो ठेकेदारों और अधिकारियों के बीच 'बिचौलिया' की भूमिका निभा रहा था।

JJM Scam : जल जीवन मिशन या 'घोटाले का मिशन’, घोटाले की 'डोर' और सियासत के 'शतरंज' का बड़ा मोड़, सुप्रीम कोर्ट से राहत

राजस्थान का बहुचर्चित जल जीवन मिशन (JJM) घोटाला एक बार फिर सुर्खियों में है। पूर्व जल आपूर्ति मंत्री महेश जोशी के करीबी संजय बड़ाया को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद ये मामला नए राजनीतिक और कानूनी मोड़ पर आ गया है। भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग और सत्ता के गलियारों में गहराई तक पैठे इस खेल का पर्दाफाश किसी सस्पेंस थ्रिलर से कम नहीं।

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: 'आरोप तय नहीं, जमानत जरूरी'

जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की बेंच ने संजय बड़ाया को जमानत देते हुए कहा कि 'आरोप अभी तक तय नहीं हुए हैं' और ऐसे में लंबे मुकदमे के निपटारे की उम्मीद बेहद कम है। कोर्ट ने ये साफ किया कि जांच के बावजूद संजय बड़ाया को दोषी ठहराना अभी शेष है। क्या ये राहत संजय बड़ाया के लिए बड़ी जीत है या सिर्फ कानूनी प्रक्रिया की एक कड़ी?

सियासत, रिश्वत और जेजेएम: ईडी के निशाने पर 'सत्ता के दायें हाथ'

ईडी की जांच में ये साफ हुआ था कि संजय बड़ाया न केवल पीएचईडी विभाग के अधिकारियों से जुड़ा था, बल्कि वो ठेकेदारों और अधिकारियों के बीच 'बिचौलिया' की भूमिका निभा रहा था। बड़ाया पर आरोप है कि उसने रिश्वत की रकम को 'पैसों के गबन' और 'जमीन खरीदने' में इस्तेमाल किया। क्या जल जीवन मिशन की पारदर्शिता पर सियासी रसूख भारी पड़ गया?

हाईकोर्ट से इनकार, सुप्रीम कोर्ट से राहत

राजस्थान हाईकोर्ट ने पीएमएलए की धारा 45 का हवाला देते हुए संजय बड़ाया की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने स्पष्ट कहा था कि रिकॉर्ड में आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला कानूनी प्रक्रिया की जटिलता को सामने लाता है। जमानत के बाद क्या बड़ाया की वापसी से घोटाले की परतें और गहराएंगी?

जल जीवन मिशन या 'घोटाले का मिशन'

किसके हाथ में है भ्रष्टाचार की डोर? इस घोटाले में बड़ाया का नाम सिर्फ एक व्यक्ति तक सीमित नहीं है। जांच में ईडी ने पीयूष जैन, पदम चंद जैन और महेश मित्तल जैसे नामों को भी गिरफ्तार किया था। सवाल ये है कि क्या ये भ्रष्टाचार की एक संगठित कड़ी है, जो सत्ता के शिखर तक जाती है? राजनीतिक रसूख और ठेकेदारी के गठजोड़ ने राजस्थान के पानी को कैसे 'मनी लॉन्ड्रिंग' का जरिया बना दिया?

सियासी भूचाल की आहट

बड़ाया की जमानत से क्या राजस्थान में गरमाएगी राजनीति? संजय बड़ाया को मिली राहत के बाद राजस्थान की सियासत में हलचल तेज होने की संभावना है। पूर्व जल आपूर्ति मंत्री महेश जोशी का नाम बार-बार इस घोटाले में गूंज रहा है, जिससे विपक्ष को सरकार पर हमलावर होने का मौका मिल सकता है। क्या ये मामला भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई को मजबूत करेगा या सियासी बचाव का खेल बनेगा? सुप्रीम कोर्ट की जमानत से राहत जरूर मिली है, लेकिन जल जीवन मिशन घोटाले की गहराई से जुड़े सवाल अभी बाकी हैं।