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Rajasthan news: भजनलाल सरकार की नई योजना, पशुपालकों को मिलेगा 5 लाख रुपए, पढ़िए पूरी खबर

राजस्थान में पशुपालकों को हादसे में मारे गए पशुओं पर कोई मुआवजा नहीं मिलता।

Rajasthan news: भजनलाल सरकार की नई योजना, पशुपालकों को मिलेगा 5 लाख रुपए, पढ़िए पूरी खबर

राजस्थान की भजनलाल सरकार प्रदेश के किसानों और पशुपालकों को बड़ी सौगात देने जा रही है। राजस्थान में अब पशुपालकों और किसानों को दुर्घटना या अन्य किसी कारण से मरने वाले पशुओं पर मुआवजा दिया जाएगा। राज्य सरकार की मंगला पशु बीमा योजना जल्द ही मूर्त रूप लेने जा रही है। इस योजना के तहत दुधारू गाय, भैंस, बकरी, भेड़ और ऊंट का बीमा किया जाएगा। प्रत्येक परिवार से एक पशु का बीमा कराया जाएगा।

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खास बात यह है कि इसके लिए पशुपालकों को कोई प्रीमियम नहीं देना होगा। बता दें कि, राजस्थान में पशुपालकों को हादसे में मारे गए पशुओं पर कोई मुआवजा नहीं मिलता। ऐसे में पशुपालकों के लिए मंगला पशु बीमा योजना कारगर बनेगी। मंगला पशु बीमा योजना को लेकर पशुपालन विभाग ने काम तेज कर दिया है। पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत के निर्देश के बाद पशु बीमा योजना की गाइडलाइन तैयार की जा रही है। सभी पशुपालकों को बीमा का लाभ मिले, इसके लिए सभी जन आधार कार्ड धारक पशु बीमा के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे। लॉटरी के जरिए होगा पशुपालकों का चयन

बीमा लाभ देने के लिए बीमा विभाग की ओर से एक सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है। सॉफ्टवेयर तैयार होने के बाद पशुपालकों से आवेदन मांगे जाएंगे। प्राप्त आवेदनों के आधार पर लॉटरी के जरिए बीमा के लिए पशुपालकों का चयन किया जाएगा। पशुपालन विभाग के सचिव डॉ. समित शर्मा ने बताया कि इस योजना से लाखों पशुपालकों को लाभ मिलेगा। राज्य सरकार ने मंगला पशु बीमा योजना के तहत 400 करोड़ रुपये का बीमा करने का लक्ष्य रखा है। योजना के तहत दुधारू गाय, भैंस, बकरी और भेड़ के अलावा एक लाख ऊंटों का बीमा किया जाएगा।

बीमा क्लेम सीधे पशुपालकों के खाते में जाएगा

पशुपालन विभाग के सचिव डॉ. समित शर्मा ने कहा कि दुधारू पशुओं की किसी प्राकृतिक या आकस्मिक हादसा जैसे आग, सड़क दुर्घटना, बिजली गिरने, जहरीली घास खाने या कीड़े के काटने और किसी बीमारी से मृत्यु होने पर बीमा क्लेम दिया जाएगा। क्लेम सीधे पशुपालकों के खाते में भेजा जाएगा। फिलहाल पशुपालन विभाग इस योजना के लिए सॉफ्टवेयर और दिशा -निर्देश तैयार कर रहा है। इसके बाद पशुपालकों से आवेदन लिए जाएंगे। एक परिवार से एक ही पशु का बीमा किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक पशुपालक इस योजना का लाभ उठा सकें।