सोशल मीडिया के छलावे में फंसी 16 साल की मासूम, किशोरी की जिंदगी में आई सर्द रात की सच्चाई, रहस्यमय सफर !
किसी अंधेरे गहरे कुएं में गिर जाने का डर। लेकिन भाग्य ने साथ दिया और वो बच निकली, हालांकि उसके दिल में वो दाग और डर हमेशा के लिए रह गए, जो अब उसे हर दिन खुद से जूझने पर मजबूर करेगा।
6 दिसंबर की उस सर्द रात को जब 16 साल की किशोरी अपने घर से बाहर निकली, तो उसके दिल में सिर्फ एक ख्वाहिश थी—अपने दोस्त से मिलने की, जिसके साथ उसने सोशल मीडिया पर कई महीनों तक बातें की थीं। उसे यह नहीं पता था कि उस लड़के की बातें सिर्फ छलावा थीं और वो उसे एक अंजान, खतरनाक दुनिया में खींच लाया था। एक ओर जहां उसकी मां की आंखों में बेटे और बेटी के भविष्य के सपने थे, वहीं दूसरी ओर वो अपनी बेटी की गुमशुदगी के शिकार हो चुकी थी। उस किशोरी का मन खलबली से भरा हुआ था, लेकिन वो भी समझ नहीं पाई कि वो किस राह पर चल पड़ी थी। हर पल उसके भीतर घबराहट और अनिश्चितता का माहौल था, जैसे किसी अंधेरे गहरे कुएं में गिर जाने का डर। लेकिन भाग्य ने साथ दिया और वो बच निकली, हालांकि उसके दिल में वो दाग और डर हमेशा के लिए रह गए, जो अब उसे हर दिन खुद से जूझने पर मजबूर करेगा।
आर्थिक तंगी ने छुड़ाई पढ़ाई
16 साल की एक किशोरी, दिल्ली के एक गरीब इलाके में रहती थी। आर्थिक तंगी की वजह से, उसने सातवीं कक्षा में ही पढ़ाई छोड़ दी थी और अब घरों में मेड का काम कर अपना और परिवार का पेट पाल रही थी। घर में दो जून का खाना भी मुश्किल से जुटता था, लेकिन किसी तरह से वो अपनी जिम्मेदारियों को निभा रही थी।
सोशल मीडिया पर हुई दोस्ती
कुछ महीने पहले, उसने सोशल मीडिया पर एक लड़के से दोस्ती की। ये दोस्ती जल्द ही फोन कॉल्स में तब्दील हो गई। लड़का सोनीपत का रहने वाला था और दोनों के बीच बातचीत बढ़ी। 6 दिसंबर को किशोरी अपने घर से काम के लिए निकली, लेकिन काम पर जाने की बजाय वो सीधे उस लड़के से मिलने अंबाला पहुंच गई।
किशोरी हुई लापता
किशोरी के लापता होने की सूचना 6 दिसंबर को दिल्ली के सुभाष प्लेस पुलिस स्टेशन में उसके परिजनों ने दी। मामला अपहरण का लगने पर इसे क्राइम ब्रांच की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को सौंप दिया गया। क्राइम ब्रांच ने किशोरी की तलाश शुरू की और उसकी लोकेशन ट्रेस की। कॉल डिटेल्स और सर्विलांस के जरिए पता चला कि किशोरी अंबाला के शाहबाद मारकंडा इलाके में थी।
भगवान का अवतार बना दिल्ली क्राइम ब्रांच
इसके बाद, क्राइम ब्रांच की टीम ने तुरंत वहां पहुंचकर किशोरी को उस घर से सकुशल बरामद किया। किशोरी ने बताया कि वो उस लड़के के साथ वहां रह रही थी और दोनों के बीच का रिश्ता अब भी स्पष्ट नहीं था। किशोरी ने ये भी बताया कि वो सातवीं कक्षा तक पढ़ी है और अपने माता-पिता की आर्थिक मदद के लिए मेड का काम करती थी। पुलिस ने किशोरी को सुरक्षा के तहत सुभाष प्लेस थाना पुलिस के हवाले कर दिया और अब मामले की तफ्तीश जारी है।
ये कहानी सिर्फ एक किशोरी के बचाव की नहीं, बल्कि उस जाल का भी संकेत है, जो सोशल मीडिया के जरिए मासूमों को फंसाने के लिए बुना जाता है।