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जब राजपूत समुदाय के लिए आनंद पाल सिंह ने उठाए हथियार, वसुंधरा भी देखकर चौंक गई थीं, पढ़ें दिलचस्प किस्सा !

आनंद पाल एक वक्त शिक्षक बनना चाहता था, लेकिन वो कहते हैं न किस्मत को जो मंजूर हो वही होता है कुछ ऐसा ही हुआ आनंद पाल के साथ, जिसने B.Ed की पढ़ाई करते करते पंचायत समिति का चुनाव लड़ा और जीत गया. लेकिन इसके बाद जिंदगी ने ऐसी करवट ली हर कोई देखता रह गया. 

जब राजपूत समुदाय के लिए आनंद पाल सिंह ने उठाए हथियार, वसुंधरा भी देखकर चौंक गई थीं, पढ़ें दिलचस्प किस्सा !

आनंदपाल सिंह जो राजस्थान का मशहूर गैंगस्टर था लेकिन उसकी छवि गरीबों के दिलों में एक रॉबिनहुड वाली थी, जिस पर सब अपनी जान छिड़कते थे क्योंकि असल में आनंद पाल कई मायनों में दूसरे गैंगस्टर से अलग था, लॉ ग्रेजुएट और B. Ed की पढ़ाई करने वाला आनंद पाल एक वक्त शिक्षक बनना चाहता था, लेकिन वो कहते हैं न किस्मत को जो मंजूर हो वही होता है कुछ ऐसा ही हुआ आनंद पाल के साथ, जिसने B.Ed की पढ़ाई करते हुए पंचायती का चुनाव लड़ा और जीत गया, इसके बाद प्रधान का चुनाव होना था. आनंद पाल ने निर्दलीय पर्चा भर दिया, उसके सामने कोई और नहीं बल्कि कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे हरजी राम बुरड़क का बेटा जगनाथ बुरड़क था, इस चुनाव में आनंद पाल को महज 2 वोटों से हार मिली. लेकिन आनंद ने सबका दिल जीत लिया. इस बीच वो सियासत करते-करते शराब की तस्करी करने लगा लगा और फिर जुर्म की दुनिया में ऐसा कदम रखा की पीछे पलटकर कभी नहीं देखा. 

जब राजपूतों के बहाया आनंद पाल ने खून
कहा जाता है कि आनंदपाल ने सियासत में जातीय समीकरण ऐसे साधे की वो देखते ही देखते राजपूतों का हीरो बन बैठा था. यहां तक की अपने करीबी दोस्त को ही मौत के घाट उतार दिया था क्योंकि उसे मदन सिंह राठौड़ की हत्या का बदला लेना था. बताया जाता है कि कुछ ही महीने पहले फौज के जवान मदन सिंह की हत्या जीवनराम ने कर दी थी. इस हत्या ने जाति का रूप ले लिया और सारा मामला राजपूत बनाम जाट में बदल गया, लेकिन आनंद ने राजपूतों के सम्मान के लिए ये बदला लिया., फिर तो एक के बाद एक लाशें बिछाई जिसके चलते आनंद का नाम बड़ा होता गया और वो धीरे-धीरे लीकर किंग बन गया था, लेकिन एक दिन उसे पुलिस ने घेरकर एनकाउंटर कर दिया था जिसके बाद काफी बवाल राजस्थान में देखने को मिला था. 

37 से ज्यादा गंभीर मामले थे आनंद पाल पर दर्ज
कई रिपोर्ट्स में दावा किया जाता है कि आनंद पाल पर आधा दर्जन से ज्यादा कत्ल के इल्जाम थे और 37 से ज्यादा गंभीर गुनाहों की फेहरिस्त उसके नाम दर्ज थी. तस्करी से लेकर फिरौती और वसूली तक आनंद पाल की तोहमत थी. लेकिन फिर भी उसके लिए एक सूबा इतना सुलगा था कि 20 दिनों बाद कहीं जाकर आनंद पाल का अंतिम संस्कार हो पाया था., जिसमें राज्या के करीब 50 हजार पुलिसवाले शामिल हुए थे. 

आनंद पाल पर बनी है वेब सीरीज
आपको बता दें आनंद के गैंग में करीब 100 बदमाश थे जो उसके एक इशारे पर काम करते थे. कुछ रिपोर्ट्स में तो ये भी कहा गया था कि आनंद को दाऊद इब्राहिम बहुत पसंद वो उसकी तरह हाई प्रोफाइल पार्टियों में भी जाता था. आनंद पाल इतना पॉपुलर था कि फेसबुक पर फैंस ने भी एक पेज बना रखा था जिसमें हजारों लोग उसे फॉलो करते थे. ऐसा नहीं की एक पेज हो बल्कि ढेरों पेज आनंद पाल से जुड़े आज भी सर्च करने पर मिल जाते हैं, क्योंकि आनंद का स्टाइल ही सबको उसका दीवाना बना देता था. बता दें आनंद पाल पर एक वेब सीरीज रंगबाज भी बन चुकी है, जिसमें जिमी शेरगिल ने उनका किरदार निभाया है