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बारां में हुई दिल दहलाने वाली वारदात, मौत के साथ रेस, हाईवे पर खौफनाक खेल की सच्ची दास्तान, पढ़ें पूरी वारदात

हमला कर अपराधी गांव की तरफ भाग निकले। खून से लथपथ गनराज ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। हाईवे पर मौजूद लोगों ने भी घटना की गंभीरता को समझते हुए पुलिस के साथ तालमेल बनाया।

बारां में हुई दिल दहलाने वाली वारदात, मौत के साथ रेस, हाईवे पर खौफनाक खेल की सच्ची दास्तान, पढ़ें पूरी वारदात

बारां, राजस्थान। हाईवे एनएच-27 पर, एक शांत शाम अचानक गोलियों की आवाज से गूंज उठी। 50 वर्षीय गनराज, अपनी मोटरसाइकिल से घर लौट रहे थे, लेकिन रास्ते में उनकी जिंदगी कुछ पलों के लिए थम गई। तीन अपराधियों ने जानलेवा हमला कर उनकी सांसें रोक देने की कोशिश की।

मौत से आंखों का सामना

गनराज ने बताया कि जैसे ही उन्होंने देखा कि तीन लोग लक्की, सलमान, और अतु उनका पीछा कर रहे हैं, उनकी रफ्तार तेज हो गई। लेकिन अपराधियों की मंशा उन्हें रोकने की थी। हाईवे पर स्प्लेंडर मोटरसाइकिल से पीछा करते हुए इन तीनों ने गनराज को घेर लिया।

पहला फायर लक्की ने किया। देशी कट्टे से चली गोली सीधे गनराज के पैर पर लगी। दर्द से कराहते हुए भी गनराज ने मोटरसाइकिल संभालने की कोशिश की। लेकिन तभी सलमान ने दूसरा फायर किया, जो उनकी मोटरसाइकिल के आगे टंकी पर जाकर लगा। अत्तू ने तीसरा फायर किया, और इस बार निशाना पीछे के इंडिकेटर पर था। गनराज ने बताया, "मुझे लगा, ये मेरी आखिरी सवारी होगी। लेकिन किसी तरह मैंने खुद को संभाला और भागने की कोशिश की।"

गोलियों के बाद खामोशी

हमला कर अपराधी गांव की तरफ भाग निकले। खून से लथपथ गनराज ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। हाईवे पर मौजूद लोगों ने भी घटना की गंभीरता को समझते हुए पुलिस के साथ तालमेल बनाया।

24 घंटे में गिरफ्तारी

बारां पुलिस अधीक्षक राजकुमार चौधरी के निर्देशन में अपराधियों की तलाश शुरू हुई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश चौधरी और डीएसटी टीम ने मिलकर अपराधियों का पीछा किया। आधुनिक तकनीकी विश्लेषण और मुखबिरों की मदद से तीनों आरोपियों को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया गया।

खौफनाक मंजर

पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी है। घटना में इस्तेमाल हुए हथियार और कारतूसों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। ये जानने की कोशिश हो रही है कि इस जानलेवा हमले के पीछे कौन-सी गहरी साजिश छिपी है।

हाईवे का खतरनाक मोड़

बारां का ये मामला उन हाईवे अपराधों की याद दिलाता है, जहां अचानक खतरा किसी भी राहगीर की जिंदगी को बदल सकता है। गनराज जैसे कई लोग हर रोज सफर करते हैं, लेकिन ये घटना बताती है कि हाईवे पर खतरा सिर्फ तेज रफ्तार गाड़ियों से नहीं, बल्कि घात लगाकर बैठे अपराधियों से भी हो सकता है।

"मैं जिंदा बच गया, ये चमत्कार है"

गनराज की आंखों में खौफ साफ झलकता है। उनका कहना है, "उनकी मंशा मुझे मारने की थी। अगर पुलिस ने तेजी से काम नहीं किया होता, तो शायद वे अब भी आजाद घूम रहे होते।"