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प्यार, हत्या और धोखे की खौफनाक दास्तान, खंडहर में छुपा 6 साल पुराना राज आया सामने, जीजा-साली के रिश्ते की दर्दनाक कहानी

कांस्टेबल अभिषेक शर्मा 28 अगस्त 2019 को अपनी ड्यूटी पर जाने के लिए घर से निकले थे। पत्नी और परिवार ने सोचा था कि वो हर बार की तरह रात में लौट आएंगे। लेकिन इस बार उनके लौटने की उम्मीद सिर्फ एक दिल तोड़ने वाले इंतजार में बदल गई।

प्यार, हत्या और धोखे की खौफनाक दास्तान, खंडहर में छुपा 6 साल पुराना राज आया सामने, जीजा-साली के रिश्ते की दर्दनाक कहानी

राजस्थान के बूंदी जिले में छह साल पहले घटी एक घटना ने पुलिस और समाज दोनों को झकझोर कर रख दिया। ये कहानी है पुलिस कमांडो अभिषेक शर्मा की, जो कर्तव्यनिष्ठ और बहादुर पुलिसकर्मी के रूप में जाने जाते थे। लेकिन उनका अंत ऐसा होगा, किसी ने सोचा भी नहीं था।

एक वादा, जो अधूरा रह गया

अभिषेक शर्मा 28 अगस्त 2019 को अपनी ड्यूटी पर जाने के लिए घर से निकले थे। पत्नी और परिवार ने सोचा था कि वो हर बार की तरह रात में लौट आएंगे। लेकिन इस बार उनके लौटने की उम्मीद सिर्फ एक दिल तोड़ने वाले इंतजार में बदल गई।

एक गुमशुदगी, जो हत्या में बदली

अभिषेक की गुमशुदगी की रिपोर्ट 5 सितंबर को दर्ज हुई। जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, परत-दर-परत चौंकाने वाले खुलासे हुए। परिवार ने अभिषेक की साली श्यामा शर्मा पर शक जताया। पुलिस को जल्द ही पता चला कि अभिषेक और श्यामा के बीच गहरे संबंध थे। ये रिश्ता परिवार और समाज के दायरे से बाहर था और अभिषेक की शादीशुदा जिंदगी में खलबली मचा चुका था।

110 दिन पुराना राज: खंडहर में दफन लाश

पुलिस जांच के दौरान श्यामा और उसके प्रेमी नावेद को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया कि अभिषेक को बहाने से सवाई माधोपुर के एक खंडहर में बुलाया गया था। वहीं उसकी हत्या कर दी गई, और शव को दफन कर दिया गया। शव 110 दिनों बाद बरामद हुआ। ये वो दृश्य था जिसने हर किसी को हिलाकर रख दिया। शव सड़-गल चुका था, लेकिन परिवार ने उसे पहचान लिया।

प्यार और ईर्ष्या का खतरनाक खेल

जांच में खुलासा हुआ कि श्यामा और अभिषेक के बीच संबंध पत्नी के घर छोड़ने के बाद भी जारी रहे। ये रिश्ता धीरे-धीरे नफरत और ईर्ष्या में बदल गया। श्यामा ने नावेद के साथ मिलकर एक खतरनाक साजिश रची। अभिषेक को मारकर उसकी मोटरसाइकिल कुएं में फेंक दी गई। शव को अपने ही घर के पीछे दफनाया गया।

कोर्ट का फैसला: न्याय की एक झलक

छह साल की लंबी जांच और 35 गवाहों के बयान के बाद, कोर्ट ने श्यामा को आजीवन कारावास और आर्थिक दंड से दंडित किया। इस फैसले के बाद श्यामा का चेहरा कैमरे के सामने छिपा हुआ था, मानो वो अपनी हर गलती छुपाना चाह रही हो।

एक अंत, जो सबक बन गया

ये कहानी एक ऐसे रिश्ते की है, जो अपनी सीमाओं को भूलकर विनाश का कारण बन गया। अभिषेक की हत्या ने समाज और कानून को कई सवालों के जवाब देने पर मजबूर कर दिया। ये कहानी बताती है कि धोखे, जलन और लालच कैसे एक उज्जवल जीवन को अंधकार में बदल सकते हैं।