शहर के सन्नाटे में खौफ का साया, टोंक की दिल दहलाने वाली वारदात, गोलियों की गूंज और खामोश चीखें, देवली में मौत का तांडव
देवली के एक सुनसान इलाके में पंजाब से आए बदमाशों ने गाड़ियों की तेज रफ्तार और गोलियों की गूंज से जैसे शहर की नींद उड़ा दी। इन बदमाशों की आंखों में बेखौफ आग और इरादों में खून की प्यास थी।
गुरुवार की रात टोंक जिले के देवली कस्बे में जैसे मौत ने दस्तक दी हो। हर ओर खामोशी और डर का माहौल था। कोई अंदाजा नहीं लगा सकता था कि इस सन्नाटे के पीछे खौफनाक साजिश छिपी होगी। रात का पहरा शुरू ही हुआ था कि अचानक गोलियों की आवाज ने इस शांत शहर को हिला कर रख दिया।
फायरिंग से दहशत का आगाज
देवली के एक सुनसान इलाके में पंजाब से आए बदमाशों ने गाड़ियों की तेज रफ्तार और गोलियों की गूंज से जैसे शहर की नींद उड़ा दी। इन बदमाशों की आंखों में बेखौफ आग और इरादों में खून की प्यास थी। उन्होंने सरेआम एक युवक पर गोलियां चलाईं। गोलियों की इस बारिश में एक युवक घायल हो गया, और इसी दौरान उन्होंने कमल कंजर नाम के युवक को अपनी काली एसयूवी में खींच लिया। लोगों के दिलों में डर का समंदर उमड़ पड़ा। हर कोई अपने घरों में दुबक गया। पुलिस के पास जब घटना की सूचना पहुंची, तब तक बदमाश देवली की सड़कों से ओझल हो चुके थे।
खून से लथपथ अंत
रात के सन्नाटे में कार के पहिए महेंदवास के एक निर्जन इलाके में थमे। वहां, बदमाशों ने कमल को कार से खींचा और उसकी कनपटी पर पिस्तौल रखकर गोली चला दी। गोलियों की गूंज जंगल के घने सन्नाटे को चीर गई। उनका खौफनाक खेल यहीं खत्म नहीं हुआ। कमल के शव को सड़क किनारे पटककर वे गाड़ी की तेज रफ्तार में कहीं ओझल हो गए।
पुलिस की नाकाबंदी और खामोशी
वारदात के बाद देवली पुलिस हरकत में आई। नाकाबंदी का आदेश जारी हुआ। हर गली, हर चौराहा, और हर सड़क पर पुलिस की गाड़ियां घूमने लगीं। लेकिन बदमाशों के सधे हुए प्लान के आगे पुलिस बेबस नजर आई। कमल का लहूलुहान शव अस्पताल लाया गया। पुलिस के आला अधिकारी वहां पहुंचकर मामले की बारीकी से पड़ताल में जुट गए। घायल युवक से पूछताछ की गई, लेकिन बदमाशों के मकसद और उनकी पहचान पर रहस्य बना रहा।
दहशत और अनसुलझा रहस्य
शहर में अब खौफ का माहौल था। हर कोई सोच रहा था—कौन थे ये बदमाश? क्यों उन्होंने कमल को निशाना बनाया? क्या ये पुरानी दुश्मनी थी, या कोई बड़ी साजिश?
देवली की गलियों में अब भी उस रात की खौफनाक चीखें गूंज रही थीं। पुलिस की गाड़ियां चक्कर काट रही थीं, लेकिन उन बदमाशों का सुराग कहीं नहीं था। अंधेरे की चादर में लिपटी इस वारदात का रहस्य पुलिस के लिए अब भी चुनौती बना हुआ है।