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अगर जयपुर घूमने का प्लान कर रहे हैं, तो इन 5 जगहों पर जाना न भूलें, बेहद आकर्षक है यहां का इतिहास

जयपुर का आमेर का किला एक चट्टानी पहाड़ी पर स्थित राजसी आमेर किला है। जोकि बेहद फेमस दर्शनीय पर्यटन स्थल है। आमेर का किला साल 1592 ई. में महाराजा मान सिंह ने बनवाया था। इसे लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से बनाया गया था।

अगर जयपुर घूमने का प्लान कर रहे हैं, तो इन 5 जगहों पर जाना न भूलें, बेहद आकर्षक है यहां का इतिहास

राजस्थान की राजधानी जयपुर देश की सबसे सुंदर जगहों में शामिल है। पिंक सिटी की खूबसूरती न सिर्फ यहां कि जुबान, खाना, परिधान और संस्कृति है, बल्कि विशाल धरोवरे भी हैं। तभी तो हर साल लाखों की तादाद में लोग यहां घूमने आते हैं। तो चलिए हम आपको जयपुर की सबसे प्रसिद्ध 5 जगहों के बारे में बताते हैं...

आमेर का किला

जयपुर का आमेर का किला एक चट्टानी पहाड़ी पर स्थित राजसी आमेर किला है। जोकि बेहद फेमस दर्शनीय पर्यटन स्थल है। आमेर का किला साल 1592 ई. में महाराजा मान सिंह ने बनवाया था। इसे लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से बनाया गया था। ये किला राजस्थान के शाही परिवार का निवास था। यहां डूबते सूरज का नजारा मनमोहक होता है। शाम के समय किले में लाइट एंड साउंड शो भी होता है। यहां जाने पर शीश महल, दीवान-ए-आम और सुख महल का आनंद लेना न भूलें।

जयपुर- हवामहल

जयपुर आए और हवा महल नहीं देखा, तो क्या देखा....अगर आप ये नहीं सुनना चाहते हैं, तो अपनी जयपुर यात्रा में हवामहल का नाम जरुर शामिल करें। छत्ते के आकार में बना हवा महल जयपुर का एक मील का पत्थर है। ये पांच मंजिला इमारत साल 1799 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने शाही महिलाओं के लिए सड़क पर रोजमर्रा की जिंदगी और समारोहों को देखने के लिए बनाई गई थी। इसके पीछे का कारण है कि उन्हें सार्वजनिक उपस्थिति की अनुमति नहीं थी। इसीलिएइस महल में 953 खिड़कियां या चरखे हैं, जो जटिल डिजाइनों से सजाए गए हैं। हवा महल परिसर के भीतर एक संग्रहालय में लघु चित्रों और औपचारिक कवच जैसी प्रसिद्ध वस्तुएं हैं।

जंतर-मंतर

जयपुर का जंतर मंतर भी एक फेमस दर्शनीय पर्यटन स्थल है। ये 27 मीटर की ऊंचाई के साथ दुनिया का सबसे बड़ा पत्थर धूपघड़ी यानी सनडायल है। इस स्थान का निर्माण पुराने समय में खगोलीय अतिथियों को देखने के लिए और सभी तरह की खगोलीय गतिविधियों पर नजर रखने के लिए किया गया था। पुराने समय में जब घड़ियां और कंपास नहीं होते थे, उस समय पर जंतर मंतर में बने यह यंत्र बहुत ज्यादा उपयोग में लाए जाते थे। यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल भी है।

गलताजी मंदिर

गलताजी का मंदिर सूर्य देव, हनुमान और बालाजी को समर्पित है। ये एक हिंदू तीर्थ स्थल है। विशाल मंदिर परिसर में तीर्थस्थल, पवित्र तालाब, मंडप और प्राकृतिक झरने है। नक्काशी से डिजाइन की गयी दीवारों पर सजी कलात्मक पेंटिंग्स मंदिर को भव्य हवेली जैसा रूप देती हैं।  वैसे गलताजी मंदिर एक बड़े मंदिर परिसर, जिसमे अनेकों अन्य मंदिर भी हैं, का हिस्सा है।

बिड़ला मंदिर

जयपुर का बिड़ला मंदिर जिसे लक्ष्मी नारायणन मंदिर भी कहा जाता है। बिड़ला मंदिर सफेद संगमरमर से बनाया गया है। इस मंदिर में भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी और अन्य हिंदू देवी-देवताओं की सुंदर रूप से गढ़ी गई मूर्तियां हैं, जो नक्काशी का अनूठा नमूना हैं।  ये गीता और उपनिषदों के प्राचीन उद्धरण इसकी दीवारों को सुशोभित करते हैं।