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राजकुमार रोत ने इस मांग के साथ दिल्ली में की गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात, तो राजस्थान की राजनीति में होने लगी चर्चा!

मौजूदा समय में संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। इसी के चलते बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत दिल्ली में हैं। इस दौरान राजकुमार रोत से जुड़ी एक तस्वीर सामने आई, जिसको लेकर चर्चा तेज हो गई। 

राजकुमार रोत ने इस मांग के साथ दिल्ली में की गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात, तो राजस्थान की राजनीति में होने लगी चर्चा!

बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत ने रविवार को गृहमंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की। जिसकी जानकारी सांसद राजकुमार रोत ने खुद ही सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर दी है। इस मीटिंग में सांसद ने न सिर्फ भील प्रदेश की मांग की। साथ ही पांचवी और छठवीं अनुसूची के प्रावधानों को धरातल पर लागू करने और आदिवासी से जुड़े मुद्दों के बारे में बात की है।

राजकुमार रोत ने गृहमंत्री अमित शाह से की मुलाकात

मौजूदा समय में संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। इसी के चलते बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत दिल्ली में हैं। इस दौरान राजकुमार रोत से जुड़ी एक तस्वीर सामने आई, जिसको लेकर चर्चा तेज हो गई। दरअसल, बीएपी सांसद राजकुमार रोत ने दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बीएपी के द्वारा ये तस्वीर पोस्ट की गई।

गृहमंत्री के सामने रखी ये मांग

इसी के साथ ही बीएपी सांसद राजकुमार रोत ने एक विज्ञप्ति भी शेयर की है। जानकारी के मुताबिक, बीएपी सांसद राजकुमार रोत ने गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा की। सांसद रोत ने भील प्रदेश की मांग, पांचवी और छठवीं अनुसूची के प्रावधानों को धरातल पर लागू करने और आदिवासी से जुड़े मुद्दों के बारे में बात की। इससे पहले शुक्रवार को लोकसभा में आदिवासियों के मुद्दे पर राजकुमार रोत ने सरकार को घेरा था।

पहले भी कर चुके हैं भील प्रदेश की मांग

आपको बता दें, सांसद रोत ने लोकसभा में कहा था कि वर्तमान सरकार हो या पिछली सरकार, आने वाले समय में यह साबित हो जाएगा कि वे आदिवासी समाज के प्रति कितने संवेदनशील हैं। जल, जंगल और जमीन आदिवासी जीवन का आधार है। यही बिरसा मुंडा और जयपाल सिंह मुंडा की कहावत थी। लेकिन आज इसे खत्म किया जा रहा है। भारत आदिवासी पार्टी लंबे समय से भील प्रदेश की मांग कर रही है। भील प्रदेश में 4 राज्यों के 49 जिले शामिल किए जाने की बात की जा रही है।