शिक्षा मंत्री की नई रणनीति, बैंडबाजे से लेकर पारदर्शिता तक का सफर, परीक्षा की साख बचाने का मिशन: मंत्री का मास्टरप्लान
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने शिक्षा व्यवस्था में छिपे अनौपचारिक परंपराओं और लापरवाहियों को तोड़ने का बीड़ा उठाया है। उनकी हालिया समीक्षा बैठक ने बोर्ड परीक्षाओं और रीट की तैयारियों को लेकर कई अहम बदलावों की ओर इशारा किया।
राजस्थान की शिक्षा व्यवस्था में एक नई हवा चल पड़ी है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के बयान ने शिक्षा प्रणाली को झकझोर कर रख दिया है। जब उन्होंने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के मीटिंग हॉल में कदम रखा, तो ये महज एक समीक्षा बैठक नहीं थी, बल्कि एक सख्त संदेश देने का मंच बन गया।
शिक्षा मंत्री का मिशन पारदर्शिता
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने शिक्षा व्यवस्था में छिपे अनौपचारिक परंपराओं और लापरवाहियों को तोड़ने का बीड़ा उठाया है। उनकी हालिया समीक्षा बैठक ने बोर्ड परीक्षाओं और रीट की तैयारियों को लेकर कई अहम बदलावों की ओर इशारा किया। ये कहानी सिर्फ नियमों की बात नहीं, बल्कि एक नए दौर की शुरुआत है—जहां पारदर्शिता और निष्पक्षता पर जोर होगा।
बैंड बाजा बंद होगा, मेहनत चलेगी
शिक्षा मंत्री ने प्रैक्टिकल परीक्षा में "शिक्षकों का बैंडबाजे से स्वागत" जैसी परंपराओं पर कड़ा ऐतराज जताया। पहली नजर में ये मजेदार और सामान्य लग सकता है, लेकिन इसके पीछे का सच चिंताजनक है। नंबरों के लिए मेहमाननवाजी की ये परंपरा न केवल छात्रों के मेहनत पर सवाल उठाती है, बल्कि शिक्षा प्रणाली की गंभीरता पर भी।
रीट की कसम: लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी
रीट परीक्षा का नाम लेते ही मंत्री का लहजा और सख्त हो गया। पिछले वर्षों में हुई चूक और प्रश्नपत्र लीक की घटनाओं ने राजस्थान को शर्मिंदा किया था। मंत्री ने दो टूक कहा, "रीट और बोर्ड परीक्षाएं अब 'लीकप्रूफ' और 'सुरक्षित' होंगी।" इसके लिए उन्होंने सीसीटीवी, वीडियोग्राफी, और विशेष उड़न दस्तों की संख्या बढ़ाने की सिफारिश की।
अंकों के लिए खेल: कैसे टूटी साख?
पिछले सालों में परीक्षाओं में लापरवाही और गड़बड़ियों ने प्रदेश की साख पर गहरा धब्बा छोड़ा। बिना कॉपी जांचे अंक देने की घटनाएं और पेपर लीक के विवादों ने प्रदेश को बदनाम किया। मदन दिलावर ने इस बदनामी से उबरने के लिए सख्त निगरानी और सटीक रणनीति पर जोर दिया। उनका उद्देश्य स्पष्ट है—"पारदर्शिता ही पहचान बने।"
एक दिन में परीक्षा का सपना
मंत्री ने एक चौंकाने वाला प्रस्ताव रखा—रीट परीक्षा को एक ही दिन में पूरे राज्य में आयोजित करने का। इसे अंजाम देने के लिए बोर्ड हर संभव प्रयास कर रहा है। अधिकारी इस योजना को चुनौती के रूप में देख रहे हैं, लेकिन इसे राजस्थान की शिक्षा प्रणाली की साख को मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम भी मान रहे हैं।
उम्मीद और संघर्ष की कहानी
ये कहानी केवल शिक्षा प्रणाली को सुधारने की नहीं है, बल्कि इसे पारदर्शिता और मेहनत की कसौटी पर खरा उतारने की भी है। जब परीक्षा की घंटी बजेगी, तब ये देखना दिलचस्प होगा कि ये सख्त कदम कितनी दूर तक असर दिखाते हैं।