मोदी और संघ के बीच सबकुछ ठीक नहीं? बीजेपी के भीतर इस उथल- पुथल के क्या हैं मायने?
हाल ही की घटनाओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के बीच तालमेल और सामंजस्य को और स्पष्ट कर दिया है। रांची और पलक्कड़ में हुई संघ बैठकों से लेकर हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों तक, दोनों संगठनों ने सामूहिक निर्णय लेकर बेहतर तालमेल का प्रदर्शन किया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के बीच तालमेल पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। लेकिन अभी हाल की घटनाओं में इस खबरों को नकारते हुए भाजपा और संघ के बीच के रिश्ते ठीक होने के संकेत दिए हैं।
दरअसल भाजपा और संघ के बीच में सही से तालमेल रांची में अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक में नजर आई थी। इसमें भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष की भागीदारी साफ नजर आ रही है ये भी बताया कि दोनों संगठनों के बीच का तालमेल बेहतर है। तो वहीं केरल के पलक्कड़ में आयोजित संघ की अखिल भारतीय बैठक में भी भाजपा और संघ ने सामूहिक निर्णय पर सहमति जताई है।
भाजपा और संघ का निर्णय
बता दें कि हरियाणा और महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनावों में संघ के सह सरकार्यवाह के नेतृत्व में संघ स्वयंसेवकों ने बूथ स्तर तक रणनीति तैयार कर ली थी। महाराष्ट्र के संघनिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस और हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की सरकार का गठन, भाजपा और संघ के साथ में लिए गए निर्णय से हुआ है।
शिवराज और नितिन गडकरी पर फैसला
भाजपा और संघ के ही फैसले से शिवराज सिंह चौहान को केंद्रीय योजनाओं का जिम्मा और लोकसभा में नितिन गडकरी का प्रमुख स्थान दिया गया है। इसके दोनों ने ही मिलकर योगी आदित्यनाथ को यूपी की राजनीति में लाना और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शपथग्रहण समारोह में पीएम मोदी की उनसे खास बातचीत इन अफवाहों को नकारती है।
बता दें कि इस तरह से यह साफ हो गया है कि पीएम मोदी और संघ के बीच में मतभेदों की खबरों में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है। इन दोनों संगठनों के बीच में हमेशा ही तालमेल देखने को मिला है दोनों एक दूसरे को सहयोग देते आए हैं।