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UNO में राजस्थान की हॉकी वाली सरपंच नीरू यादव की आवाज की गूंज

विश्वमंच पर भारत के लिए गर्व का पल देखने को मिला। राजस्थान की नीरू यादव ने अपनी देश को गर्व का पल दिया। संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के सभागार में देश के पंचायती राज संस्थानों में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों ने अपने अनुभवों और विचारों को साझा किए। राजस्थान में हॉकी वाली सरपंच नाम पहचानी जाने वाली नीरू यादव ने भी अपनी बात रखी। राजस्थान की नीरू के अलावा विश्वमंच पर त्रिपुरा से सुप्रिया दास दत्ता और आंध्र प्रदेश से कुनुकु हेमा कुमारी भी भारत की ओर से कार्यक्रम का हिस्सा रहीं।

UNO में राजस्थान की हॉकी वाली सरपंच नीरू यादव की आवाज की गूंज
UNO में राजस्थान की हॉकी वाली सरपंच नीरू यादव की आवाज की गूंज

विश्वमंच पर भारत के लिए गर्व का पल देखने को मिला। राजस्थान की नीरू यादव ने अपनी देश को गर्व का पल दिया। संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के सभागार में देश के पंचायती राज संस्थानों में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों ने अपने अनुभवों और विचारों को साझा किए। राजस्थान में हॉकी वाली सरपंच नाम पहचानी जाने वाली नीरू यादव ने भी अपनी बात रखी। राजस्थान की नीरू के अलावा विश्वमंच पर त्रिपुरा से सुप्रिया दास दत्ता और आंध्र प्रदेश से कुनुकु हेमा कुमारी ने स्थानीय शासन और कई विषयगत क्षेत्रों में सतत विकास लक्ष्यों (ADG) के स्थानीयकरण को आगे बढ़ाने में अपने अनुभवों और नए तरीकों को साझा किए।

जमीनी स्तर के कामों का दिया उदाहरण

देश की चुनी गईं तीनों सरपंचों ने अपने उदाहरणों से अपने विचार साझा किए। इनमें बाल विवाह से निपटने से लेकर स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका के अवसर और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने से जुड़े विषय शामिल थे। तीनों ने जमीनी स्तर के नेतृत्व की परिवर्तनकारी शक्ति का उदाहरण दिया। इसमें सबसे खास बात है कि उन्होंने नेतृत्व की अपनी यात्रा में चुनौतियों और संघर्षों का सामना किया और उन पर काबू पाया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन और पंचायती राज मंत्रालय ने संयुक्त रूप से संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) के सहयोग से न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय सचिवालय भवन में साइड इवेंट का आयोजन किया।

राजदूत रुचिरा कंबोज ने भी पंचायती राज प्रणाली के साथ ही देश में महिला सशक्‍तीकरण पर बात की। राजदूत रुचिरा कंबोज ने विकेंद्रीकृत शक्ति और प्रत्यक्ष लोकतंत्र के प्रतीक के रूप में भारत की अनूठी पंचायती राज प्रणाली पर प्रकाश डालते हुए, इस कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की, जो सक्रिय लोगों की भागीदारी की सुविधा प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि पंचायती राज प्रणाली के 14 लाख से अधिक निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के साथ भारत की यात्रा सशक्‍तीकरण, समावेशन और प्रगति की कहानी है, विशेष रूप से महिला नेतृत्व में हुई प्रगति को उजागर करती है। राजदूत कंबोज ने महिलाओं के मुद्दों को संबोधित करने पर विशेष ध्यान देने के साथ एसडीजी के साथ स्थानीय नियोजन प्रक्रियाओं के सावधानीपूर्वक संरेखण पर भी काफी जोर दिया। इसी के साथ ही पंचायती राज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज ने कहा कि जमीनी स्तर पर महिलाओं को सशक्त बनाना भारत की उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

उन्होंने सेंट्रल गर्वनमेंट की 'ड्रोन दीदी' और 'लखपति दीदी' पहल जैसे उदाहरणों का हवाला दिया। इससे आर्थिक सशक्‍तीकरण सुनिश्चित करने के लिए विकास और नीतिगत हस्तक्षेप के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने में पंचायती राज संस्थानों द्वारा अपनाए गए अभिनव दृष्टिकोण पर भी प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र में नॉर्वे के उपस्थायी प्रतिनिधि एंड्रियास लोवोल्ड और यूएनएफपीए के एशिया प्रशांत क्षेत्रीय निदेशक पियो स्मिथ सहित यूएनएफपीए के प्रतिनिधि मुख्य वक्ता थे।