Rajasthan में सियासी बवाल, 'आदिवासी हिंदू है या नहीं?' रौत के बयान पर उठा विवाद
Rajasthan News: राजस्थान में आदिवासी समाज के हिंदू होने का मामला गरम गया है। बीते दिनों बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रौत के आदिवासी हिंदू नहीं हैं पर बयान दिया था। जिसके बाद उनके विरोध में आदिवासी समाज उतर आया है। वहीं, इस विवाद का घोटिया आंबा धाम से क्या कनेक्शन है,पढ़ें इस खबर में।
खबर राजस्थान से है जहां आदिवासी हिंदू है या नहीं इसपर सियासी भूचाल खड़ा हो गया है। बीते दिनों बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत ने एक बयान दिया था। जिसके बाद आदिवासी समाज के लोग उनके विरोध में उतर आए। बता दें, ये विवाद बांसवाड़ा में आयोजित घोटिया आंबा धाम पर आदिवासी अधिकारी दिवस कार्यक्रम से जुड़ा हुआ है। वहीं, आदिवासी समाज के लोग रौत से हिंदू नहीं होने वाले बयान पर माफी मांगने की मांग कर रहे हैं।
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आखिर क्या है पूरा मामला ?
जानकारी के अनुसार, अदिवासी अधिकार दिवस कार्यक्रम इस बार घोटिया आंबा धाम में आयोजित है। कार्यक्रम का हिस्सा बांसवाड़ा सांसद राजुकमार रोत भी होंगे,लेकिन जैसे ही ये खबर आदिवासी समाज को लगी। ज्यादातर लोग उनके विरोध में उतर आए। लोगों का कहना है कि जब सासंद अदिवासियों को हिंदू नहीं मानते हैं तो हिंदू स्थल पर क्यों आ रहे हैं? ये राजनीतिक स्टंट के अलावा कुछ भी नहीं है। गौरतलब है, घोटिया आंबा में प्राचीन काल से पांडवों की मूर्तिया स्थापित है। इतना ही नहीं,यहां पर शिव मंदिर भी है। हिंदू धर्म के लोग परंपरा के अनुसार अस्थियां विसर्जित करने भी यहीं आते हैं। ऐसे में रोत के घोटिया आंबा आने का खुद आदिवासी समाज विरोध कर रहा है। वहीं, बात बिगड़ने पर खुद रौत को ट्वीट करना पड़ा। उन्होंने एक्स पर लिखा कि- शांत प्रिय आदिवासी क्षेत्र को अशांत करने के उद्देश्य से भोले-भाले लोगों को भड़का कर माहौल खराब करने की कोशिश करने वाले लोगों से हमारा कोई साथी नहीं उलझे!साथ ही पुलिस प्रशासन इस तरह के लोगों पर कानूनी कार्यवाही करें। ये वही लोग है जिन्होंने शांति प्रिय काकरी आन्दोलन के अंदर घुसकर उग्र करवाया था।
शांत प्रिय आदिवासी क्षेत्र को अशांत करने के उद्देश्य से भोले-भाले लोगों को भड़का कर माहौल खराब करने की कोशिश करने वाले लोगों से हमारा कोई साथी नहीं उलझे!
— Rajkumar Roat (@roat_mla) September 24, 2024
साथ ही पुलिस प्रशासन इस तरह के लोगों पर कानूनी कार्यवाही करें। ये वही लोग है जिन्होंने शांति प्रिय काकरी आन्दोलन के अंदर… pic.twitter.com/g82pEL5Wmq
कमलकांत कटार की पोस्ट का दिया जवाब
दरअसल, रौत ने आदिवासी आरक्षण मंच से संयोजक कमलकांत कटारा के फेसबुक पोस्ट का जवाब ट्वीट के माध्यम से दिया है। कटारा ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए रौत के आदिवासी हिंदू है नहीं वाले बयान का विरोध दर्ज कराया था। पोस्ट में उन्होंने लिखा कि घोटिया आंबा स्थान हिंदू आस्थाओं से जुड़ा है। जो लोग अक्सर खुद के हिंदू न होने का बयान देते हैं और फिर उसी जगह आयोजित कार्यक्रम में शरीक होने के लिए तैयार हो जाते हैं। उन्हें अपने बयान के लिए पहले माफी मांगनी होगी या फिर वह अपना कार्यक्रम अन्य जगह आयोजित करें। वरना सांसद को घोटिया आंबा धाम में कदम नहीं रखने देंगे चाहे कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े।