Trendingट्रेंडिंग
वेब स्टोरी

Trending Web Stories और देखें
वेब स्टोरी

Rajasthan News: अपने सिपाही के लिए थाने में भीड़ गए हनुमान बेनीवाल, गंभीर मामले ने बढ़ाया मानसिक तनाव

राजस्थान के नागौर जिले में एक राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के कार्यकर्ता घनश्याम जाट की पुलिस द्वारा कथित पिटाई ने राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है। घनश्याम का आरोप है कि उन्हें थाने में बंद कर बेल्ट से मारा गया और भाजपा में शामिल होने का दबाव बनाया गया। 

Rajasthan News: अपने सिपाही के लिए थाने में भीड़ गए हनुमान बेनीवाल, गंभीर मामले ने बढ़ाया मानसिक तनाव

राजस्थान के नागौर जिले के खींवसर विधानसभा क्षेत्र में एक विवादास्पद घटना सामने आई है, जिसमें राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के कार्यकर्ता घनश्याम जाट की पुलिस के द्वारा कथित पिटाई की गई। यह मामला तब चर्चा में आया जब घनश्याम ने आरोप लगाया कि 17 सितंबर को असावरी गांव के भावंडा थाने में उन्हें बुलाकर जबरन मारपीट की गई।

ये भी पढ़े- 'राजस्थान में कानून व्यवस्था की खराब हाल', RSS स्वयंसेवकों पर हमले के बाद खाचरियावास ने उठाई आवाज!

RLP नेता पर BJP ज्वाइन करने का दबाव

घनश्याम के अनुसार, उन्हें थाने में बंद कर दिया गया और करीब 12 घंटे तक बिना पानी के रखा गया। रात 10 बजे थाने के अधिकारी मानवेंद्र सिंह और कुछ सिपाहियों ने उन्हें थाने के ऑफिस में बुलाकर बेल्ट से पीटा। इसके बाद, उन्हें भाजपा में शामिल होने का दबाव बनाया गया, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। इसके चलते पुलिस की मारपीट और बढ़ गई।

नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने की कार्रवाई की मांग

इस घटना के विरोध में RLP के अध्यक्ष और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन और पुलिस महानिदेशक यू आर साहू से फोन पर बातचीत की और घटना की गंभीरता को समझाया। बेनीवाल ने कहा कि अगर अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं की, तो आरएलपी आंदोलन करेगी।

पिटाई करने के बाद दी धमकी

घनश्याम ने अपनी शिकायत में कहा कि उन्हें पहले पुलिसकर्मियों ने यह भी कहा कि अगर वह डॉक्टर को कुछ बताया तो उन्हें फिर से थाने में ले जाकर पीटा जाएगा। घनश्याम को इस पिटाई के कारण गंभीर चोटें आईं, जिसके बाद उन्होंने असावरी के राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज करवाया और मेडिकल रिपोर्ट भी बनाई।

पुलिस बल का दुरूपयोग

हनुमान बेनीवाल ने इसे लोकतंत्र के खिलाफ गंभीर मामला बताया, जिसमें पुलिस बल का दुरुपयोग किया गया है। उन्होंने कहा कि यह घटना आचार संहिता के दौरान हुई है, जो पुलिस के गलत कार्यों को दर्शाती है। आरएलपी इस मुद्दे को लेकर आगे की रणनीति पर विचार कर रही है, और यदि आवश्यक कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने के लिए तैयार हैं।