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Rajasthan By-Election: इन पांच वजहों से उपचुनाव जीती बीजेपी, भजनलाल शर्मा ने निभाया बड़ा रोल ! पढ़ें खबर

राजस्थान उपचुनाव में बीजेपी ने 5 सीटों पर जीत दर्ज की, कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा। हनुमान बेनीवाल और किरोड़ी लाल मीणा के भाई भी चुनाव हारे। जानिए जीत के कारण और कांग्रेस की हार के पीछे की वजहें।

Rajasthan By-Election: इन पांच वजहों से उपचुनाव जीती बीजेपी, भजनलाल शर्मा ने निभाया बड़ा रोल ! पढ़ें खबर

राजस्थान उपचुनाव के रिजल्ट का आ चुके हैं। बीजेपी ने सात में से 5 सीटें जीतकर दबदबा कायम रखा। जबकि पिछले विधानसभा चुनावों में चार सीटें जीतने वाली कांग्रेस केवल एक पर सिमट गई। इससे इतर हनुमान बेनीवाल को खींवसर में हार का सामना करना पड़ा। जबकि बीजेपी के फायर ब्रांड नेता किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा दौसा से चुनाव हार गए। ये मात्र ऐसी सीट है जहां कांग्रेस ने जीत हासिल की है। दौसा की कमान सचिन पायलट ने संभाली थी। यहां पर पायलट फैक्टर कमाल कर गया लेकिन अन्य सीटों पर बीजेपी की जीत ने कांग्रेस को सोचने पर मजबूर कर दिया है। 

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राजस्थान में ताकतवर हुई बीजेपी 

गौरतलब है,  विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने पूर्ण बहुमत हासिल किया था, लेकिन उपचुनाव में पांच सीटें जीतने के बाद वह और ज्यादा ताकतवर हो गई है। विधानसभा में बीजेपी का संख्याबल 119 हो गया है। ये चुनाव भजनलाल सरकार के लिए लिटमस टेस्ट की तरह था, जहां वह विकास कार्यों के लिए जनता का फीडबैक लेना चाहते थे। इसमें वह सफल भी हुए इससे इतर कांग्रेस लोकसभा चुनावों का प्रदर्शन दोहराने में असफल रही। ऐसे में उम्मीद है जल्द ही राजस्थान कांग्रेस में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। 

बीजेपी का एक सीट से 5 सीटों का सफर

बता दें, बीजेपी उपचुनाव से पहले केवल एक सीट जीतने में कामयाब रही थी सलूंबर। बीजेपी विधायक अमृतलाल मीणा की हार के बाद उनकी पत्नी शांति मीणा को टिकट दिया गया था। बीजेपी ने कांग्रेस के मुंह से तीन ते बेनीवाल के खींवसर छीन ली। ऐसे में उसकी जीत के सबसे बड़े फैक्टर क्या रहे ये हम आपको बताएंगे। 

1) उपचुनाव में बीजेपी की सत्ता और संगठन का शानदार तालमेल देखने को मिला और जनता तक सरकार की योजनाएं पहुंचाई गई। यही वजह रही जनता का झुकाव बीजेपी की ओर रहा। 

2) बीजेपी टिकट बंटवारे से लेकर बागियों को मनाने में सफल रही। खुद भजनलाल शर्मा ने बागी नेताओं से बात की थी। इसके विपरीत कांग्रेस ने बागियों को मनाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। देवली उनियारा सीट पर नरेश मीणा तो झुंझनूं सीट पर राजेंद्र गुढ़ा ने खेल खराब किया। दोनों नेताओं ने कांग्रेस के परंपरागत वोटों में सेंध लगाई।

3) 2014 से लेकर अभी तक ये पहली बार है जब उपचुनावों में बीजेपी को जीत मिली है। इससे पहले उपचुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन शानदार रहा है। सत्ता में होने का बीजेपी को लाभ मिला है। बीजेपी ने उपचुनाव के ट्रेंड को बदल दिया है। जिसका पूरा क्रेडिट सीएम भजनलाल शर्मा और उनकी टीम को जता है। 

4) सीएम भजनलाल शर्मा संगठन से जुड़े रहे हैं। उन्होंने उपचुनाव के लिए माइक्रो मैनेजमेंट कमाल का किया। पूर्व सीएम अशोक गहलोत से लेकर सचिन पायलट की कुल 14 जनसभाएं हुई। जबकि दूसरी ओर भजनलाल शर्मा ने हर सीट पर 2-2 चुनावी सभा की। केंद्रीय मंत्रियों को बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी, जिसे निभाने में वह कामयाब रहे। 

5) वसुंधरा राजे का प्रचार करना चर्चा का विषय बना लेकिन बीजेपी ने इसे हावी नहीं होने दिया और अपनी रणनीति- प्लान के अनुसार प्रचार किया। राज्य के नेता बड़े स्तर पर जनता के बीच दिखाई दिये। जो बीजेपी की जीत का कारण बनें।