Rajasthan News: नरेश मीणा की गिरफ्तारी, हरीश मीणा का मौन, और सरकार की खामोशी!
राजस्थान के देवली उनियारा उपचुनाव में हुई हिंसा और नरेश मीणा की गिरफ्तारी पर सियासत गरम है। सांसद हरीश मीणा का मौन, सरकार का कोई रुख नहीं समझ नहीं आ रहा है। ऐसे में जानें पूरी खबर और ताज़ा अपडेट्स।
राजस्थान में उपचुनाव खत्म खत्म होते देवली उनियारा सी पर हुआ बवाल सभी को याद रहेगा। घटना को पांच दिन से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन अभी हर किसी के जुबान पर केवल नरेश मीणा का नाम है। निर्दलीय प्रत्याशी एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मारने की वजह से 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में हैं। समय रहते कार्रवाई न करने पर पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं तो दूसरी ओर कुछ लोग टोंक-सवाईमाधोपुर से सांसद हरीश मीणा की भी चर्चा कर रहे हैं। उनकी सीट पर इनता सबकुछ हो गया लेकिन अभी तक इस बारे में सांसद साहब का कोई भी बयान या रिएक्शन सामने नहीं आया है। अगर किसी जनप्रतिनिधि के इलाके में कुछ होता है तो वह प्रशासन-शासन के त्वरित कार्रवाई की मांग करते हैं लेकिन हरीश मीणा दूर-दूर दिखाई नहीं दे रहे हैं।
ये भी पढ़ें- Rajasthan By-Election: सलूंबर-चौरासी पर सबकी नजरें, राजकुमार रोत बदलेंगे समीकरण ! पढ़ें पूरी रिपोर्ट
कहां हैं सांसद हरीश मीणा
टोंक जिले के समरावती गांव में हुई हिंसा की आग पूरे देश ने देखी। बीजेपी नेता किरोड़ीलाल मीणा समरावता गांव पहुंचे, लोगों से मुलाकात की। यहां तक कार्रवाई का भी आश्वसन दिलाया लेकिन जिले के सांसद हरीश मीण के पास इतना वक्त नहीं था कि वह अपने ही क्षेत्र का दौरा करें। वोटिंग के दौरान घटित घटना के बारे में जानें और जनता के बातचीत करें। जमीनी स्तर तो छोड़िये सोशल मीडिया पर भी उन्होंने इस बारे में कोई भी चर्चा नहीं की है।
नरेश मीणा की रिहाई की मांग
नरेश मीणा की रिहाई की मांग उनके समर्थकों के अलावा कई कांग्रेस नेता भी कर चुके हैं। कांग्रेस नेता घनश्याम मेहर, इंद्रा मीणा और प्रह्लाद गुंजल जो संसदीय चुनाव में कांग्रेस की ओर से कोटा से उम्मीदवार थे व रामकेश मीणा ने भजनलाल सरकार को पत्र लिखकर मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग की है।
सरकार की तरफन से नहीं आया रिएक्शन
देवली उनियारा सीट के समरावता गांव में हुई हिंसा पर पुलिस प्रशासन पर सवाल उठा रहे हैं। यहां तक खुद किरोड़ीलाल मीणा भी सेलेक्टिव कार्रवाई की बात कह चुके हैं लोग न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं लेकिन अभी तक सरकार की ओर से कोई भी कमेटी गठित करने या फिर मंत्रियों के डेलीगेशन को भेजकर मौके पर जांच कराने से जुड़ी कोई भी खबर अभी तक सामने नहीं आई है। खैर इस घटना पर सरकार क्या रूख अपनाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।