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Jaipur News: 'पहले CM Yogi खुद की क्वालिफिकेशन बताएं', आखिर क्यों भड़के राजस्थान वक्फ बोर्ड के चेयरमैन? जानें मामला

राजस्थान वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष खानू खान बुधवाली ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर मदरसों को लेकर दिए गए बयान पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने योगी से सवाल किया कि वह खुद कितने क्वालिफाइड हैं। जानें और कुछ क्या कहा। 

Jaipur News: 'पहले CM Yogi खुद की क्वालिफिकेशन बताएं', आखिर क्यों भड़के राजस्थान वक्फ बोर्ड के चेयरमैन? जानें मामला

उत्तर प्रदेश से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मदरसों पर होने वाली पढ़ाई पर दिये गये बयान के बाद सियासत गरमा गई है। इसी कड़ी में राजस्थान वक्फ बोर्ड के चेयरमैन खानू खान बुधवाली का रिएक्शन सामने आया है। उन्होंने सीएम योगी पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले वह खुद बताए कि वह कितने क्वालिफाइड हैं। वह पहले ये भी स्पष्ट करें कि उन्हें बाबा साहेब अंबेडकर के बनाए संविधान पर भरोसा है है या नहीं। बुधवाली ने आगे कहा कि बीजेपी नेताओं को देश के संविधान पर विश्वास नहीं है। पिछले एक दशक में सामने आई घटनाओं ने ये साबित कर दिया। बीजेपी के कथनी-करनी में जमीन-आसमान का अंतर है। पार्टी जनता के खिलाफ जाकर एकतरफा मनमाने निर्णय ले रही है। 

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बीजेपी पर बरसे खानू खान बुधवाली

दरअसल, खानू खान बुधवाली ने ये बयान सीकर में आयोजित मुस्लिम प्रतिभा सम्मान समारोह में दिया। आगे कहा कि, बीजेपी सरकार जिस तरह से संयुक्त संसदीय समिति बनाकर वक्फ बोर्ड बिल में संसोधन का प्रयास कर रही है ये इस बात को जाहिर करता है उसकी नियति और उसकी नीति क्या है। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह देश में जबरदस्ती वक्फ बोर्ड का मुद्दा लेकर धार्मिक उन्माद फैलाने की फिराक में है,जबकि सच्चाई ये है कि वक्फ बोर्ड बिल 2013 में संसद में पास हो चुका है, और इसे बार-बार संसोधित नहीं किया जा सकता। 

'वक्फ बोर्ड पास नहीं सबसे ज्यादा जमीन'

डॉ. बुधवाली  ने आरोप लगाया कि बीजेपी अक्सर ये कहते हुए नजर आती है देश में सबसे ज्यादा जमीन वक्फ बोर्ड के पास है लेकिन ये सरासर झूठ है। राजस्थान की बात करें तो यहां देवस्थान विभाग, रेलवे और आर्मी के पास वक्फ बोर्ड से ज्यादा जमीन है। वहीं, उन्होंने ये भी कहा कि देवस्थान विभाग और वक्फ बोर्ड एक समान कार्य करते हैं। उन्होंने साफ किया अगर वक्फ बोर्ड या फिर देवस्थान विभाग को कोई जमीन को एक बार कोई जमीन दे दी जाती है तो उसे रद्द नहीं किया जा सकता।