Ind VS Aus: विराट और रोहित की कप्तानी पर बात करते हुए जसप्रीत बुमराह ने बताया क्यों तेज गेंदबाज होते हैं बेहतर कप्तान!
जसप्रीत बुमराह कप्तानी के सवाल को लेकर खुद को विराट कोहली और रोहित शर्मा से अलग बताया है। दरअसल, बुमराह ने अपनी कप्तानी के तरीके को रोहित और कोहली से अलग बताया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में बुमराह ने कहा कि ये सौभाग्य है, मेरा खुद का तरीका है। विराट अलग थे, रोहित अलग थे और मेरा खुद का तरीका है। मैं इसे पद के रूप में नहीं देखता, मुझे जिम्मेदारी लेना पसंद है।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरु हो रही बॉर्डर-गवास्कर ट्रॉफी के पहले मैच के लिए रोहित शर्मा मौजूद नहीं हैं। जिसके बाद तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को कप्तान बनाया गया है। हर सीरीज से पहले जैसे की कप्तान को प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी होती है, तो बुमराह भी मैच से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए आए। जहां पर सवालों के जवाब पर उनका आत्मविश्वास देखकर सभी दंग रह गए। साथ ही कप्तान के तौर पर बुमराह के सुर भी बदले हुए दिखाई दिए।
बुमराह बोले पद नहीं जिम्मेदारी लेना पसंद है
जसप्रीत बुमराह कप्तानी के सवाल को लेकर खुद को विराट कोहली और रोहित शर्मा से अलग बताया है। दरअसल बुमराह ने अपनी कप्तानी के तरीके को रोहित और कोहली से अलग बताया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में बुमराह ने कहा, "ये सौभाग्य है, मेरा खुद का तरीका है। विराट अलग थे, रोहित अलग थे और मेरा खुद का तरीका है। मैं इसे पद के रूप में नहीं देखता, मुझे जिम्मेदारी लेना पसंद है।"
जसप्रीत बुमराह ने आगे कहा कि मैंने रोहित से पहले बात की थी। लेकिन यहां आने के बाद मुझे कप्तानी करने के बारे में कुछ स्पष्टता मिली। साथ ही बुमराह ने कहा कि तेज गेंदबाज ज्यादा बेहतर कप्तान होते हैं। उन्होंने पैट कमिंस का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे वो शानदार काम कर रहे हैं।
बुमराह ने जताई उम्मीद बोले नई परंपरा की होगी शुरुआत
जसप्रीत बुमराह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आगे कहा कि "मैंने हमेशा तेज गेंदबाजों को कप्तान बनाने की वकालत की है। वो चतुराई में बेहतर होते हैं। पैट ने शानदार काम किया है। पहले भी कई मॉडल देखने को मिल चुके हैं। कपिल देव और अतीत में कई अन्य कप्तान। उम्मीद है एक नई परंपरा की शुरुआत होगी।"
आपको बता दें, बुमराह ने एक बार 2022 में कप्तानी संभाली थी। टीम इंडिया ने 2022 में इंग्लैंड के खिलाफ एक रीशेड्यूल टेस्ट खेला था, जिसमें जसप्रीत बुमराह ने भारत की कमान संभाली थी। तब टीम इंडिया को 7 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था।