नंदी के कान में क्यों कही जाती है मनोकामना? जानिए क्या है इससे जुड़े नियम
Date: Dec 14, 2024
By: Nitika Srivastava, Bharatraftar
सबसे प्रिय गण नंदी
भगवान शिव के वैसे तो कई गण हैं, लेकिन उन गणों में से एक नंदी उनके सबसे प्रिय गण हैं. इतना ही नहीं वो भक्तों की हर मनोकामना को पूरा भी करते हैं .
पूजा का विधान
नंदी भगवान को भोलानाथ का वाहन माना जाता है. हर शिव मंदिर में नंदी जी की मूर्ति भी स्थापित की जाती है. इतना ही नहीं भगवान शिव के साथ इनकी पूजा का भी विधान है.
मनोकामना
जब शिव भक्त भगवान शिव के दर्शन करने के लिए शिवालयों में जाते हैं, तो उनके पास स्थापित नंदी की मूर्ति के कानों के मनोकामना भी कहते हैं.
मनोकामना पूरी करने का वरदान
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव ने अपने प्रिय गण नंदी को ये वरदान दिया था कि, जो भी भक्त उनके कानों में अपनी मनोकामना कहेगा. वो जरूर पूरी होगी.
मनोकामना से जुड़े नियम
ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि, नंदी के कान में मनोकामना कहने से जुड़े क्या नियम निर्धारित किए गए हैं.
सबसे पहले पूजा
माना जाता है कि नंदी के कानों में कोई भी मनोकामना कहने से पहले, उनकी पूजा जरूर करनी चाहिए.
ध्यान रखें ये बात
आप जब भी नंदी के कानों में अपनी मनोकामना कहें तो इस बात का ध्यान रखें कि, कोई दूसरा आपकी मनोकामना ना सुन पाए.
नंदी को करें भेंट
नंदी के कानों में मनोकामना कहने के बाद उन्हें भोग के रूप में फल, प्रसाद या धन जरूर अर्पित करें.
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