भारत के इन मंदिरों में पूजा जाता है दशानन रावण, जानिए कहां हैं ये अद्भुत मंदिर

भारत के इन मंदिरों में पूजा जाता है दशानन रावण, जानिए कहां हैं ये अद्भुत मंदिर

Date: Oct 08, 2024

By: Nitika Srivastava, Bharatraftar

दशानन रावण

रामायण में रावण को अधर्म और अन्याय का प्रतीक माना गया है. रावण लंका का राजा था इसलिए, इसलिए वहां की जनता उसे भगवान की तरह पूजते हैं.

भारत में रावण के मंदिर

आपको ये बात जानकर हैरानी होगी कि, हमारे देश में ऐसे कई मंदिर हैं, जो रावण के नाम पर हैं. जहां रावण की पूजा की जाती है. इतना ही नहीं कुछ शिव मंदिरों में भी रावण विराजमान है.

कहां हैं रावण के मंदिर?

भारत रफ्तार के जरिए जानते हैं, कि भारत में दशानन रावण के मंदिर कौन सी जगहों पर स्थित हैं.

मंडोर, राजस्थान

मंडोर के निवासी रावण को अपना दामाद मानते थे. जिस स्थान पर रावण की शादी मंदोदरी से हुई थी वो जगह अभी भी शहर में मौजूद है. यहां पर रावण का एक मंदिर भी है, जो वैवाहिक कार्यक्रम के लिए बनवाया गया था.

काकीनाडा, आंध्र प्रदेश

काकीनाडा बेहद खूबसूरत जगहों में से एक है. इस नाम के मंदिर में बड़े से शिवलिंग के साथ रावण की 30 फीट की मूर्ति स्थापित है. मान्यता है कि, इस शिवलिंग की स्थापना खुद रावण ने की थी.

बैजनाथ, हिमाचल प्रदेश

वैसे तो बैजनाथ मंदिर कोई रावण का मंदिर नहीं बल्कि 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. रावण ने इस स्थान पर लंबे समय तक पूजा की थी. रावण के हाथों से ये शिवलिंग गलती से स्थापित हुआ था. तब से ये जगह पूजनीय हो गई.

विदिशा, मध्य प्रदेश

इस जगह पर दशहरा के दिन रावण 10 फीट लेटी हुई प्रतिमा की पूजा की जाती है. कन्याकुब्ज ब्राह्मण समुदाय के स्थानीय लोग शादी जैसे शुभ अवसरों में रावण का आशीर्वाद लेने मंदिर आते हैं.

कानपुर, उत्तर प्रदेश

कानपुर में रावण का एक मंदिर मौजूद है. जो साल में सिर्फ दो दिन दशहरा के लिए खुलता है. जिसमें रावण को स्नान कराकर श्रृंगार कराया जाता है. जिसके बाद उसकी आरती भी की जाती है.

मंदसौर, मध्य प्रदेश

यह शहर ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों का स्वर्ग माना जाता है. यहां पर एक ऐसा मंदिर है जहां पर दशानन रावण की 35 फीट ऊंची मूर्ति की स्तुति की जाती है.

बिसरख, उत्तर प्रदेश

ऐसा माना जाता है रावण का जन्म बिसरख गांव में हुआ था. स्थान पर रावण ने हजारों साल पहले शिवलिंग की पूजा की थी. यहां शिव मंदिर में रावण की मूर्ति स्थापित है. इस गांव में कभी भी रावण का पुतला नहीं दहन किया जाता.

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