रहस्यों से भरा है तिरुपति बाला जी मंदिर, आज तक वैज्ञानिक भी नहीं कर पाए खुलासा

रहस्यों से भरा है तिरुपति बाला जी मंदिर, आज तक वैज्ञानिक भी नहीं कर पाए खुलासा

Date: Sep 21, 2024

By: Nitika Srivastava, Bharatraftar

तिरुपति बालाजी

दक्षिण भारत में स्थित तिरुपति बालाजी का मंदिर दुनिया भर में प्रसिद्ध है. ये मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है. जहां पर उनकी पूजा अर्चना का विधान है.

वास्तु और शिल्प कला

इस मंदिर में भारतीय वास्तु और शिल्प कला का अनोखा संगम देखने को मिलता है.

कहां पर है मंदिर?

भगवान तिरुपति बालाजी का मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के तिरुमला पर्वत पर स्थित है. इस मंदिर को भारत के मुख्य तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है.

प्रसाद का विवादित लड्डू

तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद में मिलने वाला लड्डू इस वक्त काफी चर्चा में है. जिससे जुड़ी जांच रिपोर्ट सामने आई और इस बात की पुष्टि हुई कि, प्रसाद के लड्डू में मछली का तेल और जानवरों की चर्बी मिलाई जाती थी.

मूर्ति में बालों का रहस्य

मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी की मूर्ति की पूजा होती है. जो भगवान विष्णु का स्वरूप है. ऐसा माना जाता है कि मूर्ति में बाल लगे हुए हैं जो असली और मुलायम हैं.

गर्भगृह का रहस्य

आप जब भी मंदिर के गर्भ ग्रह में प्रवेश करेंगे तो, ऐसा लगेगा कि भगवान की मूर्ति गर्भ ग्रह के बीच में है. लेकिन आप बाहर निकलेंगे तो ऐसा प्रतीत होगा कि मूर्ति दाहिनी ओर स्थित है. इसे भ्रम कहें या चमत्कार. इस बात का पता आज तक कोई नहीं लगा सका है.

अलौकिक है प्रतिमा

भगवान विष्णु के प्रतिमा में पसीना आता है. जिसकी बूंद को देखा जा सकता है. इसलिए मंदिर का तापमान हमेशा कम रखा जाता है.

रहस्यमयी है ये गांव

मंदिर से करीब 23 किलोमीटर की दूरी पर एक गांव स्थित है. जहां पर कोई बाहरी व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सकता. मंदिर में चढ़ाए जाने वाली हर एक चीज इसी गांव से जाती है.

चंदन से जुड़ा रहस्य

भगवान वेंकटेश्वर स्वामी का जब श्रृंगार हटाकर चंदन का लेप लगाया जाता है. जब इस लेप को हटाया जाता है, तो उनके हृदय में माता लक्ष्मी की आकृति खुद बन जाती है.

हमेशा जलता है दीया

श्री वेंकटेश्वर मंदिर में एक दीया हमेशा जलता रहता है. इसमें चौका देने वाली बात ये है कि, दीए में कभी घी या तेल नहीं डाला जाता. यहां तक किसिंको ये भी नहीं पता कि, इसे सबसे पहले किसने और कब जलाया था.

छड़ी से जुड़ी मान्यता

मंदिर के मुख्य द्वार की दाईं तरफ एक छड़ी रखी हुई है. ऐसा माना जाता है कि बाल्यावस्था में इसी छड़ी भगवान वेंकटेश्वर की पिटाई की गई थी. जिस वजह से उनकी ठुड्ढी टूट गई थी. इस लिए उस जगह पर चंदन का लेप लगाया जाता है.

मूर्ति से आती है समुद्र की आवाज

ऐसा माना जाता है कि, अगर मूर्ति में कान लगाकर सुनो तो समुद्र की आवाज आती है. ऐसा भी कहा जाता है कि भगवान के प्रतिमा हमेशा नम बनी रहती है.

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