पितृ पक्ष में कौवे को भोजन कराने का क्या है महत्व? जानिए कौन से जानवरों को खिला सकते हैं अन्न
Date: Sep 04, 2024
By: Nitika Srivastava, Bharatraftar
पितृ पक्ष
17 सितंबर से पितृ पक्ष की शुरुआत होने वाली है. इस दौरान जानवरों को भोजन करने का विशेष महत्व है.
कौवे को भोजन करना
पितृ पक्ष में कौवे को भोजन करना सबसे ज्यादा जरूरी होता है. कहते हैं इससे पितरों की आत्मा को तृप्ति मिलती है. कौवा यमराज का दूत और पितरों का प्रतिनिधि माना जाता है.
पितरों को तृप्ति
जब पितृपक्ष में कौवों को भोजन कराया जाता है तो, तो ये संकेत माना जाता है कि, पितरों की आत्मा को संतुष्टि और तृप्ति मिली है.
कौवे को खिलाने का महत्व
पितृ पक्ष में कौवे को भोजन कराने की प्रथा पौराणिक कथाओं और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है.
क्या है कथा?
जब पांडवों के पूर्वजों ने उन्हें श्राद्ध करने का आदेश दिया तो, युधिष्ठिर ने पूछा कि पूर्वजों तक भोजन कैसे पहुंचेगा? तब उन्हें बताया कि जब कौवे भोजन करते हैं तो उससे पितर तृप्त होते हैं.
अगर न मिले कौवे
पितृ पक्ष में भोजन कराने के लिए अगर आपको कौवे नहीं मिल रहे हैं, तो आप इन जानवरों को भी भोजन करवा सकते हैं.
गाय और कुत्ता
अगर आपको कौवा नहीं मिल रहा है तो, आप गाय और कुत्ते को भोजन करा सकते हैं.
महत्व
पितृ पक्ष में गाय और कुत्ते को भोजन कराने का धार्मिक परंपराओं में विशेष महत्व है. गाय को मां का दर्जा प्राप्त है. उसे पवित्रता और समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है.
गाय को भोजन
पितृ पक्ष में गाय को भोजन कराने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. और परिवार को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है.
कुत्ते को भोजन
पितृ पक्ष में अगर आप कुत्ते को भोजन कराते हैं तो, इससे भी पितरों की आत्मा को संतुष्टि मिलती है. किसी से भैरव देवता का आशीर्वाद परिवार पर हमेशा बना रहता है.
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