क्या है प्रदोष व्रत का महत्व? जानिए कैसे खुश होंगे भगवान शिव और माता पार्वती

क्या है प्रदोष व्रत का महत्व? जानिए कैसे खुश होंगे भगवान शिव और माता पार्वती

Date: Sep 28, 2024

By: Nitika Srivastava, Bharatraftar

प्रदोष व्रत

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का काफी ज्यादा महत्व है. ये दिन भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है और इनकी पूजा अर्चना की जाती है.

मिलता है फल

ऐसी मान्यता है कि, जो भी प्रदोष व्रत रखता है और विधि विधान पूजा करता है, उसे मनचाहा वर प्राप्त होता है. इतना ही नहीं इस व्रत से भक्तों को आरोग्य का वरदान मिलता है.

त्रियोदशी

अश्विनी माह के कृष्ण पक्ष की त्रियोदशी की शुरुआत 29 सितंबर शाम 4 बजकर 47 मिनट पर होगी.

किस दिन रखा जाएगा व्रत

यह अगले दिन शाम 7 बजकर 6 मिनट तक रहेगी. इस वजह से प्रदोष व्रत 29 सितंबर रविवार के दिन ही रखा जाएगा.

क्या है पूजा मुहूर्त?

प्रदोष व्रत की पूजा शाम के समय की जाती है. इस बार पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 9 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 34 मिनट तक है.

क्या है वजह?

प्रदोष व्रत के दिन रविवार पड़ रहा है. जिस वजह से इसे रवि प्रदोष कहा जाता है.

संपूर्ण आरती

इस मौके पर भगवान शिव और मां पार्वती की संपूर्ण आरती की जाती है. इससे भक्तों को विशेष कृपा मिलती है. और जीवन में खुशहाली रहती है.

ऐसे खुश होंगे शिव पार्वती

इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती को खुश करने के लिए आरती और मंत्रों का जाप जरूर करें.

मिलता है विशेष आशीर्वाद

ऐसी मान्यता है कि, इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा और आरती से भक्तों को उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है.

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