क्या होती है ब्रिटल बोन डिजीज ? जानें लक्षण, टाइप और इलाज
Date: Oct 21, 2024
By: Mansi Yadav, Bharatraftar
ब्रिटल बोन डिजीज
ब्रिटल बोन डिजीज एक जेनेटिक बीमारी है। अगर आपके परिवार में किसी को ये समस्या रही है तो आपको हो सकती है। ये जीन में डिफेक्ट होने के कारण होती है जब शरीर में कोलेजन कम बनने लगता है।
कारण
कोलेजन शरीर में एक प्रोटीन होता है जो हड्डियों को बनाने और मजबूती देने का काम करता है। अगर शरीर में कोलेजन की कमी होने लगे तो हड्डियां बहुत कमजोर हो जाती हैं। ऐसी स्थिति में हड्डियां बिना किसी गंभीर कारण के भी टूटने लगती हैं।
लक्षण
ब्लीडिंग होना या आसानी से घाव हो जाना, आंख के सफेद हिस्से में नीला रंग दिखना, सांस लेने में समस्या आना, दांतों में दरार आना या दांतों के रंग का बदलना, बहुत अधिक थकान होना, स्किन पर चोट आसानी से लग जाना|
टाइप 1
यह सबसे सामान्य और हल्का रूप है| इसमें बच्चों को अक्सर हड्डियों के टूटने की समस्या होती है| यह स्थिति मुख्य रूप से बच्चों में देखी जाती है|
टाइप 2
यह ब्रिटल बोन डिजीज का सबसे गंभीर रूप होता है और आमतौर पर बच्चों, नवजात शिशुओं में या गर्भावस्था के दौरान ही पहचाना जाता है|
टाइप 3
टाइप III वाले लोगों में मॉडरेट से गंभीर लक्षण होते हैं, जिनमें बार-बार हड्डी का फ्रैक्चर होना, रीढ़ की हड्डी का टेढ़ापन और रेस्पिरेटरी संबंधी समस्याएं शामिल हैं| उन्हें सुनने की क्षमता में कमी का भी अनुभव हो सकता है|
टाइप 4
बीमारी का ये टाइप भी गंभीर होता है, हालांकि ये कभी गंभीर तो कभी हल्का होता है| इसमें बच्चों को हड्डियों की कमजोरी होती है, जिससे उन्हें हड्डियों के टूटने का खतरा बना रहता है|
इलाज
इस बीमारी का पूरी तरह से कोई इलाज नहीं है लेकिन हड्डियों के टूटने को कुछ एक तरीकों से कम किया जा सकता है| कमजोर पैरों और कलाइयों के लिए ब्रेस का प्रयोग किया जा सकता है। शरीर को मजबूत बनाने के लिए फिजिकल थेरेपी का प्रयोग किया जा सकता है।
Next: प्रोटीन का खजाना है अरहर की दाल, लेकिन ये लोग रहें दूर, नहीं तो पड़ जाएंगे लेने के देने