वास्तु के अनुसार घर का मुख्य द्वार बनवाते समय न करें ये गलती, रुक सकती है तरक्की
Date: Aug 15, 2024
By: Nitika Srivastava, Bharatraftar
घर का मुख्य द्वार
वास्तु शास्त्र में घर के मुख्य द्वार को सबसे ज्यादा अहम माना गया है. घर का मुख्य द्वार सिर्फ लोगों के लिए प्रवेश द्वार नहीं होता, बल्कि घर में अच्छी ऊर्जा का भी प्रवेश द्वार होता है.
क्या कहता है वास्तु शास्त्र
वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर के मुख्य द्वार वो जगह है, जहां पर घर के अंदर सौभाग्य और खुशी निवास करती है. ज्यादातर लोग जब भी अपना घर बनवाते हैं तो, वो वास्तु के हिसाब से घर के मुख्य द्वार की दिशा पर जरूर ध्यान देते हैं.
अनदेखा करना
अगर आप घर के मुख्य द्वार को बनवाते समय इसकी दिशा को अनदेखा करते हैं, तो तरक्की में रुकावटें आना शुरू हो जाती हैं.
मुख्य द्वार से जुड़े वास्तु नियम
वास्तु के अनुसार घर का मुख्य द्वार हमेशा ईशान कोण, उत्तर, पूर्व या पश्चिम की तरफ होना चाहिए. क्योंकि यह दिशाएं सबसे ज्यादा शुभ मानी जाती हैं.
इस दिशा से परहेज
घर का मुख्य द्वार दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण, उत्तर-पश्चिम या दक्षिण-पूर्व दिशा में नहीं होना चाहिए.
इस धातु का हो पिरामिड
वास्तु के अनुसार दक्षिण या दक्षिण पश्चिम के दरवाजे की धातु के पिरामिड का उपयोग करना शुभ माना जाता है.
मुख्य द्वार पर न हो अंधेरा
मुख्य द्वार की ओर जाने की तरफ बिल्कुल भी अंधेरा नहीं होना चाहिए. इससे नकारात्मक ऊर्जा आकर्षित होती है. और घर पर रहने वालों के बीच तनाव और लड़ाई झगड़ा बढ़ते हैं.
इस बात का रखें ध्यान
घर के मुख्य द्वार पर कभी भी किसी भी तरह की छाया नहीं पड़नी चाहिए. इसलिए भूल कर भी खंबा, पेड़ या किसी भी छायादार चीज को मुख्य द्वार के पास नहीं लगना चाहिए.
इस रंग के हों दरवाजे
घर के मुख्य द्वार के रंग हमेशा सॉफ्ट होने चाहिए. इसके लिए आप लकड़ी के रंग, हल्के पीले रंग या मिट्टी के रंग का इस्तेमाल करें. इससे सकारात्मक ऊर्जा घर में जल्दी प्रवेश करती है.
Next: गोल्ड रिंग पहनकर आप भी ऑफिस में करना चाहती हैं फ्लॉन्ट? यहां देखिए लेटेस्ट डिजाइंस