सिर्फ मथुरा- वृंदावन ही नहीं, देश के इन जगहों पर जन्माष्टमी होती है बेहद खास

सिर्फ मथुरा- वृंदावन ही नहीं, देश के इन जगहों पर जन्माष्टमी होती है बेहद खास

Date: Aug 23, 2024

By: Mansi Yadav, Bharatraftar

जन्माष्टमी की धूम

पूरे देश में जन्माष्टमी के दिन एक अलग ही धूम देखने को मिलती है। बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी गोविंदा के रंग में रंगे नजर आते हैं और बड़े ही धूमधाम से अपने कान्हा का जन्मदिन मनाते हैं| क्या आपको पता है कि देशभर में किन जगहों की जन्माष्टमी बेहद खास होती है? 

दही हांडी

जन्माष्टमी पर छोटे बच्चों को राधा-कृष्ण के रूप में सजाकर सुंदर झांकियां निकाली जाती हैं तो वहीं देशभर के हर छोटे और बड़े मंदिर में इस दिन खास तैयारियां की जाती हैं और दही हांडी के आयोजन किए जाते हैं|

गुजरात

द्वारकाधीश की नगरी द्वारका का जन्माष्टमी महोत्सव बेहद खास होता है। धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, द्वारका में भगवान कृष्ण का राज्य था। यहां पर जन्माष्टमी की धूम एक या दो दिन नहीं बल्कि पूरे एक महीने देखने को मिलती है। 

केरल

गुरुवायु मंदिर केरल के थ्रिसूर जिले में स्थित है, जिसे हिंदुओं का तीर्थ भी कहते हैं। इस मंदिर में भगवान कृष्ण के बालरूप की पूजा की जाती है। यहां भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का नजारा ऐसा होता है, जिसका अनुभव आपको सालों तक याद रहेगा|

मुंबई

जन्माष्टमी सेलिब्रेशन को लेकर मुंबई-महाराष्ट्र में तो लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिलता है। यहां पर कई जगह भव्य दही-हांडी आयोजन होते हैं और गोविंदाओं की टोलियों के बीच प्रतियोगिताएं भी कराई जाती हैं। 

ओडिशा

ओडिशा के पुरी में भी मथुरा-वृंदावन जैसे ही हफ्ते भर पहले से जन्माष्टमी का जश्न शुरू हो जाता है। इनमें भगवान कृष्ण के जीवन पर आधारित कार्यक्रमों का आयोजन खास होता है। उनकी झांकियां निकाली जाती हैं। 

कर्नाटक

कर्नाटक में भी कृष्ण जन्माष्टमी बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है। कर्नाटक का उडुपी शहर अपने खूबसूरत मंदिरों के लिए जाना जाता है। यहां पर भगवान कृष्ण की पूजा एक खिड़की से की जाती है जिसमें नौ छिद्र बने हुए है। इन छिद्रों को नवग्रहों का प्रतीक माना जाता है|

राजस्थान

भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव को राजस्थान में भी बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यहां पर श्रीनाथजी मंदिर में भव्य पूजा अर्चना की जाती है।  यहां की जन्माष्टमी की सबसे खास बात ये है कि कृष्ण जी को 21 तोपों की सलामी भी दी जाती है।

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