Diwali 2024: ग्रीन पटाखों की ये होती है खासियतें, इस तरह करें पहचान

Diwali 2024: ग्रीन पटाखों की ये होती है खासियतें, इस तरह करें पहचान

Date: Oct 25, 2024

By: Mansi Yadav, Bharatraftar

ग्रीन पटाखे

ग्रीन पटाखे पारंपरिक पटाखों की तुलना में काफी सुरक्षित हैं, लेकिन फिर भी इनसे कुछ मात्रा में प्रदूषण होता है। ये पटाखे जलने पर करीब 20 प्रतिशत पार्टिक्यूलेट मैटर उत्सर्जित करते हैं और 10 प्रतिशत गैसों का उत्सर्जन होता है| 

आकार में छोटे

ग्रीन पटाखे पारंपरिक पटाखों से छोटे होते हैं, जिससे रॉ मैटीरियल का कम उपयोग होता है।

प्रदूषण होता है कम

इनमें रासायनिक पदार्थों का इस्तेमाल होता है, जो पारंपरिक पटाखों के मुकाबले कम पार्टिकुलेट मैटर और गैसों का उत्सर्जन करते हैं जिससे प्रदूषण कम होता है| 

ध्वनि प्रदूषण में कमी

ये पटाखे सामान्य पटाखों से कम आवाज करते हैं, जिससे ध्वनि प्रदूषण भी कम होता है और जानवरों और बुजुर्गों के लिए परेशानी कम होती है|

असली-नकली की पहचान

असली-नकली पटाखे की पहचान के लिए डिब्बे पर लिखे कैटेगरी को पढ़ लें|  ये तीन कैटेगरी हैं-SWAS, SAFAL और STAR| ये कैटेगरी ग्रीन पटाखों के लिए CSIR ने तैयार की है|

SWAS कैटेगरी का पटाखा

SWAS कैटेगरी का पटाखा फूटेगा तो आपको कुछ अंतर दिखेगा| इस कैटेगरी का पटाखा फूटने पर पानी की बहुत ही छोटी-छोटी बूंदे निकलती हैं| ये बूंदें वाष्क के रूप में निकलती हैं|

STAR कैटेगरी का पटाखा

STAR कैटेगरी के पटाखे में पोटैशियम नाइट्रेट या सल्फर नहीं होते. यह पटाखा फूटने के बाद अधिक धुआं नहीं निकलता और न ही किसी अन्य तरह कण उससे बाहर आते हैं|

SAFAL कैटेगरी वाले पटाखे

SAFAL कैटेगरी वाले पटाखे में एल्युमिनियम की सुरक्षित मात्रा डाली जाती है, जो सिंथेटिक पटाखों की तुलना में कम आवाज करती है| 

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