दुर्गा पूजा के क्यों खास है लाल पार साड़ी? जानिए इसके पीछे की कहानी

दुर्गा पूजा के क्यों खास है लाल पार साड़ी? जानिए इसके पीछे की कहानी

Date: Oct 09, 2024

By: Nitika Srivastava, Bharatraftar

दुर्गा पूजा

बंगालियों में दुर्गा पूजा को लेकर खास उत्साह होता है. इस दौरान महिलाएं मां दुर्गा की पूजा करती हैं. दुर्गा पूजा के दौरान कई पंडाल सजाए जाते हैं जहां पर मां दुर्गा की विशाल मूर्ति स्थापित होती है.

पारंपरिक लाल पार साड़ी

इस शुभ अवसर पर बंगाली महिलाएं खूब सजती संवरती हैं. और बंगाल की पारंपरिक लाल पार साड़ी जरूर पहनती हैं.

लाल पार साड़ी की विशेषता

लाल पार साड़ी की बंगालियों की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक होती हैं. जो पूजा पाठ और वैवाहिक समारोह में जरूर पहनी जाती है.

रंग से खूबसूरती

दुर्गा पूजा के दौरान लाल पार साड़ी विशेष रूप से पहनी जाती है. ये आमतौर पर सफेद और लाल मोटे बॉर्डर की होती है. जिससे ये और भी ज्यादा खूबसूरत लगती है.

साड़ी से गरिमा

लाल रंग नारी शक्ति का प्रतिक है, तो वहीं सफेद रंग शुद्धता को दर्शाता है. इस साड़ी को पहनने से बंगाली महिलाओं की गरिमा बढ़ जाती है. ये सूती, तांत या रेशम से बनी होती है.

कैसे पहनें साड़ी?

अगर आप बंगाली महिलाओं की तरह लाल पार साड़ी पहनना चाहती हैं, तो आपको इसे कैसे पहनना है, ये जरूर जान लेना चाहिए.

पहला स्टेप

ब्लाउज और पेटीकोट पहने के बाद लाल पार साड़ी को कमर पर दाईं तरफ से लपेटना शुरू करें.

दूसरा स्टेप

पल्लू को पीछे की ओर रखें और साड़ी को कमर के चारों ओर लपेट लें. इसे पेटीकोट में अच्छी तरह से टक करें, ताकि ये खुले ना.

तीसरा स्टेप

बची हुई साड़ी को लगभग 7 इंच चौड़ी प्लेट बनाएं और पेटीकोट में आगे की ओर डाल दें.

चौथा स्टेप

पल्लू को ट्रेडिशनल बंगाली स्टाइल में डालने के लिए इसे कंधे पर लपेटें, और इसे पिन में फिक्स कर लें. ताकि लाल बॉर्डर दिखे.

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