क्यों नहीं कर सकते खुद से गुदगुदी, जानें वजह

क्यों नहीं कर सकते खुद से गुदगुदी, जानें वजह

Date: Oct 18, 2024

By: Ankita Srivastava, Bharatraftar

गुदगुदी से हंसी

मनुष्य के शरीर में कुछ ऐसे सेंसिटिव पार्ट्स होते हैं जो किसी दूसरे के छूने पर गुदगुदी सी महसूस होती है यानी हंसी आती है

खुद से गुदगुदी

वहीं कुछ लोगों को गुदगुदी इतनी ज्यादा लगती है कि उनकी और हाथ बढ़ाते ही वो हंसना शुरू कर देते हैं, लेकिन खुद से खुद को गुदगुदी करना संभव नहीं है

क्यों नहीं आती खुद से गुदगुदी?

क्या आपने कभी सोचा है कि हम खुद से खुद को क्यों नहीं हंसा पाते हैं?  चलिए इसके पीछे की वजह जानते हैं

नेचुरल प्रोसेस

विज्ञान के अनुसार, गुदगुदी के समय हंसने का रिएक्शन खुद को सुरक्षित रखने की एक प्रक्रिया है

बेकाबू होने से हंसी

अचानक होने वाली गुदगुदी से शरीर एक तरह से पैनिक मोड में आ जाती है, पैनिक होने के कारण इंसान खुद को आशाए महसूस करता है और खुलकर हंसने लगता है

सरप्राइज पर निर्भर

वैज्ञानिक के अनुसार गुदगुद के बाद हंसने की प्रक्रिया सरप्राइज पर निर्भर है, जब हमारा दिमाग और शरीर तैयार नहीं रहता तभी गुदगुदी होने पर हंसी आती है

रहस्यमय होता है दिमाग

हमारा दिमाग काफी रहस्यमय तरीके से काम करता है, जब भी हम खुद से गुदगुदी करते है, तो हमारे दिमाग का सेरीबैलम हिस्सा गुदगुदी से होने वाले रिएक्शन को रोक देता हैं

अपना और दूसरे का स्पर्श

दिमाग का सेरीबैलम हिस्सा हमारी बॉडी में अपेक्षित और अप्रत्याशित के बीच अंतर को पहचाने में मदद करता हैं

खुद को तैयार

जब हम खुद से खुद को गुदगुदी करते हैं तो हमारे दिमाग को यह पता होता है कि यह हमारे हाथ है और वो होने वाले रिएक्शन को रोक देता है

रोचक तथ्य

चीन के हेन शासको के शासनकाल में बड़े अधिकारियों को छोटी-मोटी गलतियों पर गुदगुदी की सजा दी जाती थी, उन्हें तब तक गुदगुदी की जाती थी जब तक उनकी सांस ना फूलने लगे

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