सोशल मीडिया में किसी न किसी ऐप का इस्तेमाल हर कोई कर रहा है लेकिन इन ऐप्स का हमारे मानसिक स्वास्थ्य और नींद पैटर्न पर गहरा असर पड़ता है।
कम सो रहे बच्चे
एक अध्ययन में पता चला कि देर तक जगने से 10 साल तक के बच्चे सप्ताह में एक रात कम सो रहे हैं। बच्चों को 9 से 12 घंटे सोने की सलाह दी जाती है।
नींद पर असर
एक अध्ययन में पाया गया कि 10 साल के बच्चे जो सोशल मीडिया का अधिक उपयोग करते हैं, उनकी नींद खराब होती है और इस वजह से वे औसतन रात में केवल 8.7 घंटे की नींद ही ले पाते हैं।
अनहैप्पी फीलिंग
एक अध्ययन के मुताबिक, इस उम्र के बच्चों के लिए दिन में 2 घंटा टाइम सोशल मीडिया को देना काफी है, लेकिन जैसे जैसे ये स्क्रीन टाइम बढ़ता है वैसे वैसे बच्चों में अनहैप्पी फीलिंग बढ़ने लगती है।
नींद हो रही कम
सोने से पहले इंटरनेट पर चैट करना, वीडियो गेम खेलना, इंटरनेट ब्राउज़ करना, फिल्में, वीडियो या टीवी शो देखना या स्ट्रीम करने से कम नींद आती है।
सोशल मीडिया से दूरी
अगर आपको भी लगता है कि सोशल मीडिया कहीं न कहीं आपके हेल्थ और दिमाग को प्रभावित कर रहा है और नींद प्रभावित हो रही है तो ये टिप्स फॉलो कर सकते हैं।
खुद के साथ वक्त बिताएं
कुछ दिनों के लिए सोशल मीडिया से ब्रेक लें, अपनों के साथ वक्त बिताएं, दोस्तों से मिलें।
ऐप नोटिफिकेशन बंद करें
फोन में ऐप नोटिफिकेशन बंद कर दें, ये कभी भी आपके सोशल मीडिया एडिक्शन को खत्म नहीं होने देता।
निगेटिव लोगों से दूरी
निगेटिव विचारों वाले व्यक्ति को तुरंत अपने सोशल मीडिया अकाउंट से हटा दें और लाइफ में ऐसे लोगों से दूर रहें।
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