शादी में हो रही है देरी? विवाह पंचमी में इस तरह करें पूजा, बनने लगेंगे योग
Date: Nov 23, 2024
By: Nitika Srivastava, Bharatraftar
विवाह पंचमी
हिंदू धर्म में विवाह पंचमी किसी त्योहार से कम नहीं होती. मार्गशीष महीने की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी मनाया जाता है.
धार्मिक मान्यता
ऐसी मान्यता है कि, इस दिन भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था. इस दिन को माता सीता और भगवान राम के विवाह वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है.
खुशियों का आगमन
जो भी इस दिन पूरे विधि विधान से राम सीता का विवाह करता है. उसके घर आंगन में खुशियां छा जाती हैं और वैवाहिक जीवन खुशी से बीतता है.
कब है विवाह पंचमी?
हिंदू पंचाग के अनुसार पंचमी तिथि की शुरुआत 5 दिसंबर दोपहर 12 बजकर 49 मिनट से होगी. वहीं तिथि का समापन 6 दिसम्बर 12 बजकर 7 मिनट पर होगा.
उदया तिथि
हिंदू धर्म में उदया तिथि का काफी महत्व है. उदया तिथि के अनुसार विवाह पंचमी का पर्व 6 दिसम्बर के दिन मनाई जाएगी.
जानिए पूजन विधि
विवाह पंचमी के दिन सबसे पहले स्नान करके भगवान राम सीता का विवाह गणेश मंत्र से शुरू करें. साथ ही हनुमान जी का भी आह्वान करें.
रामायण का पाठ शुभ
विवाह पंचमी के अवसर पर श्री रामचरितमानस या रामायण का पाठ करना काफी शुभ माना जाता है.
महत्व
इस दिन विवाह के गीत गाकर खुशियां मनाई जाती हैं. ऐसी मान्यता है कि, जिनके भी विवाह में देरी हो रही है, इस दिन पूजा करने से विवाह के योग बनने लगते हैं.
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