दशहरे में क्यों की जाती है शस्त्रों की पूजा? जानिए यहां
Date: Oct 09, 2024
By: Nitika Srivastava, Bharatraftar
दशहरा
दशहरे को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान राम ने लंका पति रावण का वध कर जीत हासिल की थी. ये पर्व असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है.
शस्त्र पूजा
ऐसी मान्यता है कि, मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का इसी दिन वध किया था. दशहरा के दिन शस्त्र पूजन करने का रिवाज सदियों पुराना है.
मां दुर्गा और भगवान राम की पूजा
इस दिन मां दुर्गा और भगवान राम की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन किए जाने वाले कामों का शुभ फल जरुर मिलता है. ये भी माना जाता है कि शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए शस्त्र पूजन किया जाता है.
परंपरा से जुड़ा इतिहास
भारत रफ्तार के जरिए जानते हैं कि, शस्त्र पूजन की परंपरा से जुड़ा इतिहास क्या है.
दशहरा का महत्व
दशहरा हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार है. इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर नाम के असुर का वध किया था. और देवताओं को असुरों के आतंक से मुक्ति दिलाई थी.
बुराई पर अच्छाई का प्रतीक
इस दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध कर माता सीता को उसकी कैद से मुक्त कराया था. इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है
शस्त्र पूजन की परंपरा
सनातन धर्म में प्राचीन समय से ही इस दिन शस्त्र पूजन की परंपरा चली आ रही है. इस दिन लोग शत्रु पूजन के साथ वाहन की भी पूजा करते हैं. इस दिन किसी भी नए कार्य की शुरुआत बेहद शुभ मानी जाती है.
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