विजयादशमी पर शमी वृक्ष की पूजा करना विशेष फलदायी, जानें विधि

विजयादशमी पर शमी वृक्ष की पूजा करना विशेष फलदायी, जानें विधि

Date: Oct 10, 2024

By: Ankita Srivastava, Bharatraftar

विजयदशमी

शारदीय नवरात्रि के दसवें दिन विजयदशमी मनाई जाती है, इसी दिन भगवान राम ने रावण का वध करके बुराई पर अच्छाई की जीत हासिल की थी

दशहरा का त्योहार

विजयदशमी के त्योहार को दशहरा के नाम से भी जाना जाता है, मान्यता है कि इसी दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था

विजयदशमी की परंपरा

भारत के अलग-अलग कोने में विजयदशमी का पर्व अपने-अपने तरह से मनाया जाता है, इस दिन खासकर शमी के पेड़ की पूजा विशेष रूप से की जाती है

शमी की पूजा

तो चलिए जानते हैं कि दशहरे के दिन शमी के पेड़ की पूजा कैसे और क्यों की जाती है

प्रदोष काल

धर्म विशेषज्ञों के अनुसार दशहरा के दिन शमी के पेड़ की पूजा प्रदोष काल यानी शाम के समय में की जाती है, पूजा करने से पहले पेड़ को पवित्र जल से सीचना चाहिए

घी का दीपक

शमी के वृक्ष में जल डालने के बाद प्रदोष काल में एक घी का दीपक जलाकर रख दे, दीपक जलाने के बाद पेड़ के नीचे कोई सांकेतिक शस्त्र रखें

पूजा करें

शास्त्र के साथ शमी के पेड़ की धूप, दीप, फल चढ़कर शस्त्र के साथ आरती करें पूजा के दौरान इस मंत्र का करें जाप शमी शमयते पापम् शमी शत्रुविनाशिनी । अर्जुनस्य धनुर्धारी रामस्य प्रियदर्शिनी ॥ करिष्यमाणयात्राया यथाकालम् सुखम् मया । तत्रनिर्विघ्नकर्त्रीत्वं भव श्रीरामपूजिता ॥

शमी पूजा की मान्यता

पुराण और ग्रंथ में ऐसी मान्यता है कि भगवान रामचंद्र ने लंका पर आक्रमण करने से पहले शमी के पेड़ की पूजा करके भगवान शंकर से आशीर्वाद लिया थाप

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