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AI Use in Exam: देश में पहली बार एग्जाम में होगा AI का यूज़, दिल्ली के इस कॉलेज ने की शुरूआत

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दिल्ली
06 Dec 2025, 02:18 pm
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रिपोर्टर : Dushyant

AI in education: कॉलेज एजुकेशन की दुनिया में नयी क्रान्ति आने की शुरुआत हो चुकी है। कुछ एजुकेशन इंस्टिट्यूट अब पढाई में छात्रों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल को लेकर राज़ी हो चुके हैं। हाल ही में दिल्ली में ऐसा मामला सामने आया है, जहाँ इन्द्रप्रस्थ इंस्टिट्यूट ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (IIIT-Delhi) ने अपने छात्रों को न सिर्फ असाइनमेंट्स, बल्कि परीक्षाओं में भी एआई के उपयोग की परमिशन दे दी है। हालाँकि, ये परमिशन कुछ विशेष शर्तों के साथ दी गयी है। शर्त ये है कि छात्रों को अपनी रिपोर्ट या एग्जाम शीट के एआई पर इस्तेमाल किये गए प्रॉम्प्ट्स भी जमा कराने होंगे। यह कदम शिक्षा और लगातार हो रही तकनीकी प्रगति को एक साथ लाने की दिशा में बड़ा कदम माना अज रहा है।


IIIT Delhi ने इस पायलट प्रोग्राम को शुरू किया है ताकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को ज़िम्म्मेदारी के साथ इस्तेमाल किया जाये। संस्था के निदेशक रंजन बोस ने कहा कि - छात्र पहले से ही अपनी छोटी छोटी समस्याओं और असाइनमेंट्स व प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए एआई की मदद ले हैं। (responsible AI use) अब बड़ी बात यहाँ पर ये नहीं है कि उन्हें एआई का उपयोग करने की अनुमति दें या नहीं, बल्कि उन्हें कैसे उसका सही और रचनात्मक तरीके से इस्तेमाल करना है, ये सिखाएं। हमारे कैंपस में पहले ही ओपन बुक एग्जाम करवाए जाते हैं। अब इसी की तर्ज पर इसमें एआई को भी जोड़ा जा रहा है।


(artificial intelligence in college) एक अन्य प्रोफेसर ने बताया कि एआई को किस तरह प्रॉम्प्ट दिया गया है, इसी से साफ़ हो जाता है कि छात्र कितना जानता है, क्या जानना चाहता है, उसकी मंशा क्या है? अगर छात्र कुछ नहीं जानता, तो वह पूरे जवाब को जानने की कोशिश करेगा, जबकि जो छात्र सच में पढ़ रहा है, वो ओपन बुक पैटर्न (Open Book Pattern) की तरह केवल ज़रूरी सूचना ही पूछेगा, या फिर सूचना को किसी विशेष तरीके या परिस्थिति के अनुसार जानने की कोशिश करेगा। प्रोफेसर ने बताया कि एग्जाम की आंसर शीट के साथ प्रॉम्प्ट्स की जाँच से मूल्यांकन बेहतर होगा।


IIT दिल्ली की है अलग सोच

वहीं, इससे अलग IIT दिल्ली जैसा नाम शिक्षण संस्थान अपने छात्रों को एआई का कम से कम इस्तेमाल करने को कहता है। आईआईटी दिल्ली का मानना है कि एआई टूल्स के इस्तेमाल से असाइनमेंट्स और प्रोजेक्ट्स आसानी से बन जाते हैं और नक़ल करना आसान हो जाता है। शिक्षा का उद्देश्य सीखना होता है। एआई के इस्तेमाल से तुरंत बड़े बड़े निबंध और तस्वीरें तैयार हो जाती है, जिससे छात्रों की मेहनत और कोशिशें कम हो जाती है और उनका योगदान घट जाता है। इसलिए हम किताबों से जानकारी निकालने और विश्लेषण करने पर जोर देते हैं।


इस कदम के बाद अब एक बहस छिड़ चुकी है। (education revolution India) एआई का उपयोग सकारात्मक कदम है या कामचोरी? एक तरफ जहाँ कुछ इंस्टिट्यूट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग पर बैन लगाने की सोच रहे हैं, वही अन्य पारदर्शिता बनाने की तरफ कार्य कर रहे हैं। अब ये तो आने वाला समय ही बताएगा कि क्या ये बदलाव छात्रों को सच में बेहतर बनायेंगे, या फिर उनकी बौद्धिक क्षमता को घटा देंगे?


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