Rajasthan MLA Fund: विधायक फंड का 70% पैसा कमीशन में खप रहा, 30% से ही हो रही जनता की सेवा...अधिकारियों ने 10% कमीशन पर की 'डील फिक्स'

Rajasthan MLA Fund Case: राजस्थान में विधायकों के कथित तौर पर MLA फंड जारी करने के लिए कमीशनखोरी के मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। जिस अखबार ने इस रिश्वत और कमीशनखोरी का स्टिंग ऑपरेशन कर खुलासा किया है, उसी अखबार ने एक रिपोर्ट में बताया है कि कमीशन का ये पैसा अधिकारियों तक जाता है। यानी भ्रष्टाचार की ये कड़ी विधायक से लेकर अधिकारियों तक जुड़ी हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारी इन विधायकों के MLA फंड के कार्य आदेशों का संचालन करने के लिए कथित तौर पर 10 प्रतिशत कमीशन मांगते हैं।
70 प्रतिशत पैसा कमीशन में खपाया जा रहा
दरअसल रिपोर्ट में बताया गया है कि विधायकों के बाद अखबार ने अधिकारियो पर भी इस तरह का स्टिंग ऑपरेशन किया। जिसमें एक जिला शिक्षा अधिकारी यानी DEO, एक ब्लॉक शिक्षा अधिकारी यानी CBEO ने इन विधायकों के लेटर पर 10 प्रतिशत कमीशन की डील पक्की की है। इसके अलावा करौली के DEO और मुंडवा के CBEO को तो रिश्वत लेने की हामी भरते हुए ऑन कैमरा रिकॉर्ड भी किया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि विधायक निधि का 70 प्रतिशत पैसा तो इसी तरह कमीशन और रिश्वत में खपाया जाता है और बचे 30 प्रतिशत पैसे से ही जनता की सेवा की जाती है।
अनीता जाटव के लेटर पर DEO ने 10% पर डील पक्की की
आपको जानकर हैरानी होगी कि जब इन अधिकारियों को खींवसर से भाजपा विधायक रेवंतराम डांगा और हिंडौन से कांग्रेस विधायक अनीता जाटव के वो सिफारिशी लेटर दिखाए जिस पर कमीशनखोरी का खुलासा हुआ था, उस पर अधिकारी काम करने को राजी हो गए। हिंडौन विधायक अनीता जाटव का लेटर जब करौली के DEO प्राथमिक पुष्पेंद्र शर्मा को दिखाए, तो उन्होंने कहा कि वो बस इतना बताएं कि लिखना क्या है, जब उन्हें बताया कि उन्हें वर्क ऑर्डर समेत कई कामों में हेल्प करनी है, तो उनका कहना था कि वो कर देंगे। इसके बाद 10 प्रतिशत कमीशन पर ये सौदा हुआ। बता दें कि अनीता जाटव का लेटर 80 लाख रुपए के वर्क ऑर्डर का था। जिस पर आरोप लगा था कि अनीता जाटव ने इसके लिए 50 हजार रुपए का कमीशन लिया है।
रेवंतराम डांगा के लेटर पर CBEO ने 5% कमीशन लिया
वहीं खींवसर विधायक रेवंतराम डांगा के लेटर को लेकर मुंडवा के CBEO कैलाशराम को दिखाया तो उन्होंने पहले यही पूछा कि इसमें उन्हें क्या मिलेगा? उन्होंने ये कहा कि वो इसी साल इस पद पर आए हैं। इसके बारे में वो ज्यादा जानते नहीं, जब उन्हें 5 प्रतिशत कमीशन के बारे में बताया गया तो वो राजी हो गए और कहने लगे कि कमीशन के साथ एक फ्लोर मैट भी चाहिए घर पर काम आएगा।
50 प्रतिशत कमीशन बंटने के बाद भी सिर्फ 20% का काम
इससे भी बड़ी बात ये है कि इस काम के लिए विधायकों ने खींवसर और मुंडवा के CBEO को कार्यकारी एजेंसी बनाया हुआ है। अनीता जाटव ने करौली DEO कार्यकारी एजेंसी बनाया हुआ है। विधायकों के वर्क ऑर्डर की सिफारिश के लिए जब अधिकारियों और वित्तीय मंजूरी मिल जाती है तब आगे का सारा काम ये एजेंसियां ही करती हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि विधायक निधि का 70 प्रतिशत पैसा तो कमीशन में बंट रहा है और 50 प्रतिशत कमीशन बांटने के बाद भी कंपनी को केवल 30 प्रतिशत काम के एवज में 20 प्रतिशत काम मिलता है।
भजनलाल सरकार ने बिठाई उच्च स्तरीय जांच कमेटी
हालांकि भजन लाल सरकार ने इन तीनों विधायकों रेवंतराम डांगा, अनीता जाटव और ऋतु बनावत पर आरोपित इस केस के लिए उच्च स्तरीय जांट कमेटी का गठन किया है। इसकी मुख्य सचिव एवं महानिदेशक, पुलिस को राज्य के मुख्य सतर्कता आयुक्त (अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह) को अध्यक्षता दी गई है। वहीं इन तीनों विधायकों के विधानसभा क्षेत्र के MLA LAD के खातों को भी फ्रीज़ कर दिया गया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इसकी घोषणा करते हुए कहा था कि ये अत्यंत गंभीर और चिंताजनक विषय है। किसी भी लोकसेवक द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार पर हमारी सरकार की नीति पूर्णतः जीरो टॉलरेंस की है। कोई भी व्यक्ति कितना ही प्रभावशाली क्यों न हो, यदि भ्रष्टाचार में दोषी पाया जाता है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।
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