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RBI की बड़ी राहत: रेपो रेट फिर से घटाकर 5.25% किया, लोन होंगे सस्ते, EMI में मिलेगी राहत

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राष्ट्रीय
05 Dec 2025, 02:29 pm
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रिपोर्टर : Dushyant

Repo Rate Reduced by 0.25%: भारतीय रिज़र्व बैंक लोन लेने वालों के लिए खुशखबरी लेकर आया है। RBI की मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी ने 3 से 5 दिसम्बर तक चली एक विशेष मीटिंग में रेपो रेट घटाने का फैसला किया है। RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा इसकी जानकारी देते हुए बताया कि रिज़र्व बैंक ने फिर से बैंकों के लिए रेपो रेट को 0.25% घटाकर 5.25% कर दिया है। इस बदलाव से आने वाले समय में लोन सस्ते होने वाले हैं।


क्या है रेपो रेट और कैसे होगा फायदा?

भारतीय रिज़र्व बैंक जिस दर पर सामान्य बैंकों को लोन देता है, उस दर को रेपो रेट कहते हैं। जब RBI रेपो रेट में कोई बदलाव करता है, रेट को कम करता है, तो बैंकों को भी सस्ती दरों पर लोन मिलता है। बैंक भी ऐसा फायदा मिलने पर कस्टमर्स को कम दरों पर लोन देते हैं, जिससे उन्हें भी फायदा होता है। इस कटौती के बाद ग्राहकों को EMI में भी राहत मिलेगी।

उदाहरण के लिए अगर कोई व्यक्ति 20 साल के लिए 20 लाख रुपये का लोन लेता है, तो इस बदलाव के बाद उसकी मासिक किश्त अब 310 रुपये तक कम हो जाएगी। अगर 20 वर्ष के लिए 30 लाख रुपये का लोन लेता है, तो किश्त 465 रुपये तक कम हो जाएगी। इसका फायदा नए लोन लेने वालों और मौजूदा ग्राहकों, दोनों को मिलेगा।


महंगाई अनुमान घटाया और जीडीपी अनुमान बढ़ा

इस बदलाव के बाद RBI ने महंगाई के अनुमान को 2.6% से घटाकर 2% कर दिया है और जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 6.8% से बढाकर 7.3% कर दिया है।


चौथी बार घटी है रेपो रेट इस साल में

इस वर्ष में RBI ने चौथी बार रेपो रेट कम की है। RBI ने फरवरी की मीटिंग में रेट को 6.5% से घटाकर 6.25% किया था। उसके बाद अप्रैल में भी दर में 0.25% की कटौती की गई। जून में तीसरी बार रेट 0.50% घटाई गयी। अब दिसम्बर में फिर से रेपो रेट 0.25% कम कर दी गई है। इस प्रकार मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने एक वर्ष में चार बार संशोधन करके रेपो रेट को कुल 1.25% घटा दिया है।


क्यों घटती है रेपो रेट

रेपो रेट में घटत या बढ़त देश में महंगाई को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। महंगाई के बढ़ने पर रिज़र्व बैंक रेपो रेट को बढाकर इकोनोमी में मनी के फ्लो को कम करता है और जब देश की इकोनोमी की स्थिति अच्छी नहीं होती, तो मनी के फ्लो को बढाने के लिए बैंक इस रेट को कम कर देता है। ब्याज दर कम या ज्यादा होने से ग्राहक भी लोन लेने के लिए नजरिया बदल लेते हैं।


कौन करता है रेट को नियंत्रित

रेट को कम या ज्यादा करने का अधिकार मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी के पास होता है। ये कमिटी हर 2 महीनों में एक मीटिंग करती है, जिसमें इकोनोमी, महंगाई जैसे मुद्दों पर चर्चा होती है और निर्णय लिए जाते हैं। इस 6 सदस्यीय कमेटी में 3 व्यक्ति रिज़र्व बैंक के होते हैं, और 3 व्यक्ति केंद्र सरकार नियुक्त करती है।



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