जालोर में भारी विरोध के बाद पंचों ने वापस लिया स्मार्टफोन पर फैसला, महिलाओं के इस्तेमाल पर लगाई थी रोक

Jalore: राजस्थान के जालोर के गजीपुर गांव में पंचों ने अपने उस फैसले को वापस ले लिया है जिसमें उन्होंने महिलाओं के कैमरे वाले फोन या स्मार्टफोन इस्तेमाल करने पर पाबंदी लगा दी थी। पंचों के इस फैसले पर महिलाओं ने अपना कड़ा विरोध जताया था। इस फैसले की सिर्फ जालोर या राजस्थान में ही नहीं बल्कि पूरे देश में निंदा हुई थी। जिसके बाद पंचों ने अब इस फैसले को वापस ले लिया है।
26 दिसंबर से 15 गांवों में लागू होना था फैसला
21 दिसंबर गजीपुर में चौधरी समाज सुंधामाता पट्टी में पंचों की बैठक में स्मार्टफोन को लेकर ये फैसला लिया गया था। पंच हिम्मताराम ने ये फैसला सुनाते हुए इसके 26 जनवरी से लागू होने का आदेश दिया था। इसे 15 गावों में लागू होना था। इसके मुताबिक इन गांवों की महिलाएं चाहे वो शादीशुदा या नहीं सभी लोग की-पैड वाला फोन यूज करेंगे और मल्टीमीडिया वाले फोन का इस्तेमाल करने की पाबंदी रहेगी और अगर फोन यूज़ करना है तो सिर्फ वो घर में इसका इस्तेमाल कर सकती हैं, बाहर लेकर नहीं जा सकती।
पंच ने कहा महिलाओं ने ही की थी शिकायत
इस फैसले को लेकर हिम्मताराम ने ये तर्क दिया था कि गांव की महिलाएं ही ये शिकायत लेकर आती थीं कि घर में बच्चे फोन का ही इस्तेमाल ज्यादा करते हैं, स्कूल से आकर वे सीधे फोन में ही बिज़ी हो जाते हैं। इसमें वो तरह-तरह के वीडियो देखते हैं। ऐसे में ये फैसला इसीलिए लिया गया ताकि घर की महिलाओं के पास फोन नहीं होगा तो बच्चे भी इसका इस्तेमाल नहीं करेंगे। लेकिन विरोध के चलते बीते बुधवार को पंचों की फिर से बैठक हुई जिसमें इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा हुई। जिसके बाद इसे वापस लेने का अंतिम निर्णय हुआ। हिम्मताराम ने कहा कि पंचों ने तो ये फैसला अच्छे बदलाव के लिए दिया था लेकिन इसे लोगों ने बहुत उल्टा ले लिया और इसका व्यापक विरोध किया ऐसे में पंचों ने ये फैसला वापस ले लिया है।
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