खरमास 2025: क्या है खर मास? कब से शुरू हो रहा है खर मास और इस अवधि में शुभ कार्य क्यों नहीं किए जाते?

Kharmas 2025: हिन्दू धर्म में जब भी कोई मांगलिक कार्य किया जाता है, तो उसमें खरमास पर विशेष ध्यान दिया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, खर मास में किसी भी प्रकार का मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए। खर मास एक वर्ष में दो बार आता है और इस दौरान मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। लेकिन ये खर मास है क्या और क्यों इसमें मांगलिक कार्यों की मनाही है, आइये जानते हैं।
क्या है खर मास?
(What is Kharmas) ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, खर मास एक साल में दो बार लगता है, जब सूर्य धनु और मीन राशि में प्रवेश करता है। इन दो राशियों का स्वामी गुरु है। जब सूर्य इन दोनों राशियों से गोचर करता है, तो सूर्य का प्रकाश कम हो जाता है, या ये कहें कि सूर्य का तेज और प्रभाव घट जाता है। किसी भी मांगलिक कार्य के लिए सूर्य का बलवान और शुभ प्रभाव में होना आवश्यक होता है। सूर्य सभी ग्रहों का राजा है, इसलिए सूर्य का बल घट जाना शुभ कार्यों और कर्मों के लिए अच्छा नहीं माना गया है। यह कारण है कि खरमास के दौरान मांगलिक और धार्मिक कार्य नहीं किये जाते हैं।
कब है इस वर्ष का खरमास
(Kharmas dates) पंचांग के अनुसार, 16 दिसम्बर 2025 को सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेगा और 14 जनवरी तक रहेगा। इन 30 दिनों के दौरान पहला खरमास रहेगा। इस अवधि में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होगा। 14 जनवरी को सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करेगा, तब खरमास पूरा होगा और मांगलिक कार्य फिर से शुरू होंगे।
खरमास में क्या नहीं करना चाहिए
खरमास में नए घर में गृहप्रवेश नहीं नहीं करना चाहिए।
सगाई, शादी और नयी वधू का घर में प्रवेश नहीं कराना चाहिए।
नया घर, गाडी, ज़मीन नहीं खरीदने चाहिए।
नए व्यापार की शुरुआत नहीं करनी चाहिए।
नामकरण, मुंडन समेत 16 संस्कार नहीं करने चाहिए।
क्या करें खरमास में
रोज़ सुबह सूर्य को जल अर्पित करें।
पूजा पाठ करें और आध्यात्मिकता की तरफ बढ़ें।
कुंडली में सूर्य की स्थिति को बल देने के लिए सूर्य चालीसा का पाठ करें।
नोट :- उपरोक्त समस्त जानकारी और तथ्य अनुभवी ज्योतिषियों से लिए गए हैं। भारत रफ़्तार किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता।
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