UP: मुस्लिम पत्नी के लिए इंजीनियर ने अपने बूढ़े मां-बाप को सिल के बट्टे से पीट-पीट कर पहले मौत के घाट उतारा फिर आरी से शव काटकर नदी में फेंके

UP Crime: उत्तर प्रदेश के जौनपुर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक 60 साल के बुजुर्ग दंपति की उनके ही बेटे ने पीट-पीट कर हत्या कर दी। वो भी अपनी मुस्लिम पत्नी के लिए। जी हां, और इससे भी ज्यादा हैरान कर देने वाली बात ये है कि जिस शख्स ने अपने मां-बाप का कत्ल किया वो एक इंजीनियर है। इस इंजीनियर ने अपने मां-बाप की सिर्फ इतनी बेरहमी से हत्या ही नहीं बल्कि मरने के बाद उनके शव के साथ भी विभत्सतता दिखाई। उस शख्स ने मां-बाप के शव को आरी से काटकर नदी में फेंक दिया। ये घटना 13 दिसंबर को सामने आई जब आरोपी इंजीनियर की बहन ने पुलिस स्टेशन में अपने मां-बाप के लापता होने का मामला दर्ज कराया।
बहन को फोन कर बोले- मम्मी पापा खो गए मिल नहीं रहे
यूपी के जौनपुर के जफराबाद पुलिस ने बताया कि ये घटना 8 दिसंबर को घटित हुई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आयुष श्रीवास्तव ने बताया कि मृतक श्याम बहादुर रिटायर्ड रेलवे कर्मचारी थे। अंबेश नाम के आरोपी इंजीनियर ने अपने 62 साल के पिता श्याम बहादुर और 60 साल की मां बबीता को पीट-पीट कर मार डाला और शव को आरी से काट कर पास में नदी में फेंक दिया। इसके बाद आरोपी अंबेश ने अपनी बहन वंदना को फोन कर कहा कि मम्मी-पापा कहीं खो गए हैं। घर से वो झगड़ा करके निकले थे और अब पता नहीं कहां चले गए हैं उनका कुछ पता नहीं चल पा रहा है। अंबेश ने कहा कि वो उन्हें ढूंढ रहा है। लेकिन इसके कुछ देर बाद जब बहन वंदना ने दोबारा भाई अंबेश को फोन लगाया तो फोन बंद आने लगा और फिर इसके बाद अंबेश से इस बारे में कुछ बात नहीं हो पाई।
बहन ने दी गुमशुदा का केस कराया था दर्ज
इसके बाद वंदना ने 13 दिसंबर को जफराबाद पुलिस स्टेशन पर अपने मां-बाप के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई। मामले की छानबीन करने के लिए जब पुलिस ने अंबेश से पूछताछ की तो पहले तो वो पुलिस को बरगलाता रहा। अंबेश के बार-बार बदलते बयानों से पुलिस को अंबेश पर शक हुई और कड़ाई से इंक्वायरी करने पर अंबेश ने पूरा सच उगल दिया। इसके बाद पुलिस ने नदी में फेंकी गई बॉडी को ढूंढना शुरू किया। जिसमें कई गोताखोंरों को इस काम में लगाया गया। इस अभियान में उन्हें शव के टुकड़े मिले। साथ ही आरी और वो बट्टा भी मिला जिससे अंबेश ने अपने मां-बाप को मारा और काटा था। इस मामले पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आयुष श्रीवास्तव ने कहा है कि बॉडी के दूसरे पार्ट्स भी मिल जाएंगे इसके लिए लगातार सर्च अभियान चलाया जा रहा है।
क्यों की थी मां-पिता की हत्या?
अंबेश ने अपना जुर्म कबूल करते हुए बताया कि 5 साल पहले अंबेश ने एक मुस्लिम महिला से शादी की थी लेकिन इस शादी को उसके मां-बाप मानने को राज़ी नहीं थे क्योंकि ये एक अंतरधार्मिक विवाह था। अंबेश के घर पर साफ-साफ कह दिया गया था कि वो उस मुस्लिम महिला को ना तो अपनी बहू मानते हैं और ना ही इस शादी को। बुजुर्ग दंपति ने अंबेश की पत्नी को घर में लाने से भी मना कर दिया था। साथ ही वो उसे छोड़ने और तलाक देने का दबाव बना रहे थे।
पत्नी को छोड़ने को हुआ राजी तो महिला ने मांगा 5 लाख रुपए का भत्ता
अंबेश ने बताया कि मां-बाप के दबाव में आकर उसने अपनी पत्नी से अलग होने का फैसला कर लिया था। पत्नी ने भी इस बात को एक शर्त पर मानने की मांग रखी कि अंबेश उसे 5 लाख रुपए का गुजारा भत्ता दे। पैसों को लेकर अंबेश ने अपने पिता से पैसे मांगे। अंबेश ने कहा कि उसके पिता ने पैसे देने से मना कर दिया जिसे लेकर घर में झगड़े होने लगे। इसी वजह से उसने गुस्से में अपनी मां के सिर पर सिल का बट्टा दे मारा। उन्हें बचाने के लिए जब अंबेश के पिता बीच में आए तो अंबेश ने उन पर भी बट्टे से कई वार किए। जिससे उनकी कुछ देर में मौत हो गई। अपने किए को छिपाने के लिए अंबेश ने दोनों के शव को आरी छोटे-छोटे टुकडों में काटा और थैले में भरकर नदी में फेंक दिया।
इसके बाद ही अंबेश ने अपनी बहन वंदना को फोन कर मां-बाप के गायब होने की बात कही और फिर फोन बंद कर लिया। 14 दिसंबर को जब फोन चालू किया और बहन से बात की तो वो यही कहता रहा कि उसने मम्मी-पापा को बहुत ढूंढा लेकिन वो नहीं मिले।
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