महाभारत का ये रहस्य जिसे बहुत कम लोग जानते हैं, आखिर क्यों दुर्योधन ने 3 तीर अर्जुन को दिए थे

महाभारत का ये रहस्य जिसे बहुत कम लोग जानते हैं, आखिर क्यों दुर्योधन ने 3 तीर अर्जुन को दिए थे

Date: Sep 09, 2024

By: Ankita Srivastava, Bharatraftar

महाभारत

महाभारत में पांडवों को बहुत दुख और अपमान सहना पड़ा था पांडवों ने 12 वर्ष का वनवास काटा था इस दौरान वन में उन्होंने एक यज्ञ का आयोजन किया था

यज्ञ में विघ्न

यज्ञ में विभिन्न उद्देश्य डालने के मानसा से दुर्योधन भी वहां पहुंच गया और अपनी चलो से यज्ञ में विघ्न उत्पन्न करने लगा

पांडवों की इंद्र देवता से प्रार्थना

दुर्योधन के विघ्न डालने से परेशान पांडवों ने इंद्र देवता से यज्ञ के देखरेख की प्रार्थना की, फिर इंद्रदेव की देखरेख में यज्ञ आरंभ हुआ

गंधर्व दुर्योधन को ले गए स्वर्ग लोक

इंद्रदेव की देखरेख में चल रही यज्ञ में जब दुर्योधन ने विघ्न डालने का प्रयास किया तो इंद्रदेव के गंधर्वों दुर्योधन को रस्सी से बांधकर स्वर्ग लोक ले गए

दुर्योधन को बचाने अर्जुन पहुंचे स्वर्ग

अर्जुन दुर्योधन को बचाने स्वर्ग चले गए यह कहते हुए की यज्ञ में दुर्योधन हमारे अतिथि थे और उनके प्राणों की रक्षा हमारा प्रथम कर्तव्य है

गंधर्वों ने दुर्योधन को छोड़ा

अर्जुन के आग्रह करने पर गंधर्वों ने दुर्योधन को छोड़ दिया, इसके बाद अर्जुन ने दुर्योधन से उनकी जान बचाने के लिए 3 तीरों का वरदान मांगा था

योद्धा तीर का वरदान

दुर्योधन ने अर्जुन को 3 तीर का वरदान दिया और कहा ये तीर साधारण नहीं बल्कि योद्धाओं के लिए हैं

धर्म युद्ध में जीत

महाभारत युद्ध के दौरान अर्जुन ने इन तीनों का उपयोग कर धर्म युद्ध में जीत हासिल की थी

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