हिंदू धर्म में रात में क्यों होता है विवाह, कभी सोचा है?

हिंदू धर्म में रात में क्यों होता है विवाह, कभी सोचा है?

Date: Nov 26, 2024

By: Mansi Yadav, Bharatraftar

विवाह

 ज्योतिष शास्त्रों में सभी शुभ काम दिन के समय ही किए जाते हैं और सभी संस्कार भी सूरज की रोशनी में ही संपन्न होते हैं, लेकिन ज्यादातर हिंदू शादियां रात के समय में ही होती है| इसके पीछे कारण है|

व‍िवाह के लि‍ए स्‍थ‍िर लग्‍न

 व‍िवाह के लि‍ए स्‍थ‍िर लग्‍न ढूंढा जाता है, ताकि व‍िवाह स्‍थिर रहे, तो रात को भी स्‍थ‍िर लग्‍न आते हैं| द‍िन में भी स्‍थ‍िर लग्‍न आते हैं, तो लग्‍न के अनुसार व‍िवाह द‍िन या रात कभी भी क‍िया जा सकता है|

शुभ मुहूर्त में विवाह

 विवाह संबंधी सभी कार्य सावधानी से और शुभ मुहूर्त में ही किए जाते हैं। हिंदू धर्म के अनुसार सात फेरों के बाद ही शादी की रस्म पूरी मानी जाती है|

ध्रुव तारे का महत्व

ऐसी मान्यता है कि फेरे यदि ध्रुव तारे को साक्षी मानकर किए जाते हैं तो वो रिश्ता जन्म जन्मांतर के लिए बन जाता है। इसी वजह से ज्योतिष में रात में शादी करने की सलाह दी जाती है|

चंद्रमा का महत्व

सूर्य को शक्ति यानि अग्नि का परिचायक माना गया है, वहीं चंद्रमा को शीतलता और शांति का परिचायक माना जाता है। चंद्रमा को मन का कारक भी माना जाता है| रात में विवाह होने का ये भी एक कारण है|

अग्नि को साक्षी मानकर विवाह

रात में अग्नि जो कि सूर्य का साक्षी स्वरूप है उसके चारों ओर फेरे लिए जाते हैं और चंद्रमा, शुक्र प्रत्यक्ष रूप से इसका साक्षी स्वरूप होते हैं। इन्हीं ज्योतिष कारणों से हिन्दू विवाह रात्रि के समय संपन्न किए जाते हैं।

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